Cervical Health Awareness Month
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09 Jan 2025
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मधुमेह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसे शुगर और डायबिटीज के नाम से भी जानते हैं। यह बीमारी तब होती है जब आपके शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है और इसके कारण ब्लड में मौजूद ग्लूकोज या शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इंसुलिन एक तरह का हॉर्मोन है जो ब्लड में मिलकर ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। यदि शरीर में पर्याप्त इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो ब्लड कोशिकाओं तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता है और यह ब्लड में ही इक्ट्ठा हो जाता है। ब्लड में मौजूद अतिरिक्त शुगर आगे चलकर मधुमेह में परिवर्तित हो जाती है।
हम जो भी खाना खाते हैं उससे हमें ग्लूकोज मिलता है और इंसुलिन नामक हार्मोन इस ग्लूकोज को ब्लड के माध्यम से पूरे शरीर में पहुंचाता है, जिससे हमें उर्जा प्राप्त होती है। यह बिना इंसुलिन के नहीं हो सकता है। डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है और यह एक ऐसी बीमारी है जो आपको एक बार हो जाए तो आजीवन बनी रहती है।
आमतौर पर, डायबिटीज के प्रकार को निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया जाता है। यह तीन प्रकार के होते हैं:-
1. टाइप - 1 डायबिटीज: यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में देखा जाता है और यह स्थिति तब होती है जब शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के खिलाफ हो जाती है और पैंक्रियाज में कोशिकाओं को नष्ट कर देती है - वह अंग जो इंसुलिन नामक हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
2. टाइप -2 डायबिटीज: अक्सर उम्रदराज लोगों में देखा जाता है, यह डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है जहां शरीर इंसुलिन को ठीक से प्रतिक्रिया नहीं देता है।
3. गर्भकालीन डायबिटीज: यह गर्भवती महिलाओं में देखी जाने वाली एक चिकित्सा स्थिति है जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और प्रसव के बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाता है।
डायबिटीज होना बहुत आम समस्या बन गया है। यदि हम बात करें पूरी दुनिया में डायबिटीज मरीजों की तो इसकी संख्या भारत में सबसे ज्यादा है और यह आंकड़े डराने वाले हैं। लैंसेट के रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित है और 13.6 करोड़ लोगों को प्री-डायबिटीज की स्थिती है।
इसकी स्टडी में बताया गया है कि 2019 में डायबिटीज के 7 करोड़ रोगी थे और अब इस संख्या में 44% की बढ़ोतरी हुई है। इसके रिसर्च में बताया गया है कि भारत में 15.3% लोगों को प्री-डायबिटीज है। डायबिटज में टाइप 2 मधुमेह सबसे आम प्रकार है, जो 90% से 95% लोगों को होता है। दुनिया भर में लगभग 537 मिलियन वयस्कों को डायबिटीज की समस्या है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि डायबिटीज में बढ़ोतरी जीस तरह से हो रही है इसकी संख्या 2030 तक 643 मिलियन और 2045 तक 783 मिलियन हो जाएगी।
डायबिटीज को सही समय पर मॉनिटर करने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है। शुगर होने के लक्षण (sugar ke lakshan) इस तरह हैं:-
लंबे समय में, उच्च ग्लूकोज स्तर की स्थिति शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे हृदय, किडनी, आंख, तंत्रिका तंत्र आदि से संबंधित जटिलताओं का कारण बनती है।
शरीर में शुगर की पहचान करने के लिए सबसे पहले ब्लड ग्लूकोज लेवल का पता किया जाता है, इसके लिए डॉक्टर कई तरह के टेस्ट कर सकते हैं। देखें, मधुमेह की पहचान कैसे करें:-
डायबिटीज से पीड़त लोगों को लंबे समय तक रहने वाली गंभीर जटिलताएं हो सकती है। जिसमें तीव्र और दीर्घकालिक जटिलताएं हो सकती है इसका शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर असर पड़ सकता है। तीव्र या गंभीर जटिलताएं जानलेवा भी हो सकती है। आइए जानते हैं, तीव्र और दीर्घकालिक जिटिलताओं के बारे में:-
तीव्र मधुमेह जटिलताएँ जो जानलेवा साबित हो सकती हैं उनमें शामिल हैं:-
ब्लड शुगर जब बहुत समय से बढ़ा रहता है तो दीर्घकालिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसका शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर असर पड़ सकता है। हृदय से जुड़ी समस्याएं दीर्घकालिक मधुमेह जटिलताओं का सबसे आम प्रकार हैं। जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
मधुमेह के कारण और बचाव कुछ इस तरह है। टाइप 1 डायबिटीज में, प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के खिलाफ काम करती है और अग्न्याशय में इंसुलिन पैदा करने वाली कोशिकाओं पर हमला करती है। इस प्रकार का मधुमेह रोग आनुवांशिक या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है।
टाइप -2 डायबिटीज इंसुलिन प्रतिरोध द्वारा विशेषतः एक चयापचय विकार है जहां शरीर इसे प्रभावी ढंग से उपयोग करने में असमर्थ है। यह स्थिति कई कारकों के कारण होती है, जैसे कि:
यदि किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हो या हाई ब्लड शुगर के लक्षण दिखाई दे रहे हो, जैसे- बार-बार पेशाब आना, डीहाइड्रेशन, भूख बढ़ना इत्यादि तो आपको डॉक्टर को आवश्य दिखाना चाहिए। यदि आपकी स्थिती गंभीर होती है तो डॉक्टर आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या मधुमेह विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं।
>> मेडिकल खर्चों का बोझ हल्का हो जाता है यदि आप अनुकूलित स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ चुनते हैं जो मधुमेह के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करती हैं।
डायबिटीज होने पर और शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को जानने के लिए सबसे पहले ब्लड टेस्ट की आवश्यकता होती है। उपचार आपकी स्थिति की सीमा पर निर्भर करता है। मधुमेह की रोकथाम के लिए जीवन शैली में बदलाव और दवा का संयोजन शामिल है।
मधुमेह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसलिए, मधुमेह के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। इसकी शुरुआत एक व्यक्ति के दृष्टिकोण और आदतों में बदलाव के साथ होती है:
जहां तक दवा का संबंध है, डायबिटिक रोगियों के लिए निर्धारित दवाओं की पहली श्रेणी मेटफॉर्मिन है जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में काफी मदद करती है।
मधुमेह के गंभीर मामलों में, रोगियों को इंसुलिन इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है। इनहेल्ड-इंसुलिन दवाएं भी उपलब्ध हैं और रोगियों के लिए सुविधाजनक हो गई हैं। मधुमेह रोगियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शुगर का स्तर बेहद कम न हो जाए - एक स्थिति जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है - जिसमें पसीना आना, हाथ कांपना, थकान या बेहोशी जैसे लक्षण होते हैं। ऐसे मामले में, रोगी के पास कुछ तेजी से काम करने वाले शर्करा पदार्थ होने चाहिए जिनसे कि इन प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है। तकनीकी प्रगति और ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता के कारण, किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि या गिरावट की निगरानी करना आसान हो गया है।
डायबिटीज (Diabetes in hindi) जीवनभर रहने वाली बीमारी है। इसलिए शुगर के लक्षण और इलाज के बारे में जानना आपके स्वास्थ्य को सही रखने के लिए बहुत जरूरी है। कई लोग मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अनुशासित जीवनशैली को अपनाते हैं। स्व-देखभाल, दवा और निरंतर निगरानी के साथ, कोई भी सामान्य जीवन जी सकता है। अपने डॉक्टर के साथ स्पष्ट बातचीत करना और यह समझना कि आपका शरीर उपचार के प्रति प्रतिक्रिया कैसे करता है। मधुमेह से निपटने के दौरान आपकी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए एक योजना बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जब जटिलताएं पैदा होती हैं, तो दवा या सर्जरी से जुड़ी निरंतर चिकित्सा आवश्यक है। चिकित्सा उपचार की बढ़ती लागत को देखते हुए, आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस कवर(Health insurance coverage) लेना बहुत जरूरी हो गया है। किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिती में स्वास्थ्य बीमा आपको वित्तीय रूप से सहायता प्रदान करता है और आप तनाव मुक्त हो कर इलाज पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। मधुमेह में डायबिटीज स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance for Diabetes) खरीदना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
डिस्क्लेमर: प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
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