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हर साल 21 नवंबर को विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का प्रमुख कारण अग्नाशय कैंसर जागरूकता है यानी लोगों को अग्नाशय कैंसर के प्रति जागरुक करना है और इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में शिक्षित करना है। अग्नाशय कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है, जो हमारे पाचन तंत्र के खास अंग अग्नाशय को प्रभावित करती है।
अग्नाशय कैंसर तब होता है जब हमारे अग्नाशय में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है और आगे चलकर एक गांठ या ट्यूमर में बदल जाती है। यह हर साल हमारे समाज को बहुत बड़ी क्षति पहुंचा रहा है। आंकड़ों के आधार पर सिर्फ युनाइटेड स्टेट में लगभग 55 हजार लोग हर साल अग्नाशय कैंसर के शिकार होते हैं और इससे भी ज्यादा घबराने वाली बात यह है कि इनमें से 45,000 लोगों को लाख कोशिश के बावजूद भी बचाना मुश्किल हो जाता है, यानी सिर्फ करीब 10 हजार लोग ही बच पाते हैं।
यदि शुरुआती में अग्ननाशय कैंसर का पता चल जाता है तो इसे सर्जरी के द्वारा ठीक किया जा सकता है। अभी तक इस स्थिती में बीमारी का एक मात्र इलाज सर्जरी ही है। इसका इलाज ढूंढ़ने में बहुत से फार्मा कंपनी और अकैडमिक इंस्टिटियूट्स के लोग लगे हैं, ताकि इसे आगे बढ़ने से रोका जा सके। आइए जानते हैं, अग्नाशय कैंसर क्या है, अग्नाशय कैंसर के लक्षण क्या है, इसके कारण और इलाज, इत्यादि।
अग्नाशय आपके पेट के निचले हिस्से में पिछे को ओर स्थित एक अंग होता है। जिसमें ऐसे एंजाइम और हार्मोन का निर्माण होता है जो आपकी पाचन क्रिया को सही करने के साथ ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। अग्नाशय में कैंसर होने की स्थिती में अग्नाशय की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है और सामान्य कोशिकाएं ठीक से काम करना बंद कर देती है। शुरुआती दौर में अग्नाशय कैंसर को पहचान पाना बहुत कठिन होता है, जिसके कारण इसका मृत्युदर काफी ज्यादा होता है। अग्नाशय कैंसर को पैंक्रियाटिक कैंसर भी कहा जाता है।
शुरुआती चरण में पैंनक्रियाटिक कैंसर के किसी लक्षणों का पता नहीं चलता है, लकिन समय के साथ जब ट्यूमर का आकार बड़ा होता हैं, तो अग्नाशय कैंसर रोगी निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकता है:-
अग्नाशय कैंसर के मुख्य कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। डॉक्टरों ने कुछ ऐसे कारक के बारे में पता लगाया है जो इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके जोखिम कारक निम्नलिखित हो सकते हैं:-
कोई भी व्यक्ति जब इन लक्षणों को काफी समय से महसूस कर रहा होता है, तब डॉक्टर के पास निदान के लिए जाता है। पैंक्रियाटिक कैंसर को निम्नलिखित तरीकों द्वारा पता लगाया जा सकता है:-
किसी भी कैंसर का इलाज कैंसर का स्थान, प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है। अग्नाशय कैंसर का इलाज तीन तरह से किया जा सकता है- कीमोथेरेपी, रेडियो थेरेपी और सर्जरी। मरीज की बीमारी देखने के बाद डॉक्टर सलाह देते हैं कि कौन सा इलाज सही रहेगा।
अग्नाशय कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किया जा सकता है:-
हर साल 21 नवंबर को विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस कैंसर के प्रति जागरुक करना है। अग्नाशय कैंसर एक घातक बीमारी है। अग्नाशय पेट के निचले हिस्से में पीछे की तरफ स्थित एक अंग होता है, जिसमें कैंसर होने पर कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है।
अग्नाशय कैंसर के लक्षण में वजन कम होना, पीलिया, त्वचा पर खुजली, गहरे रंग का पेशाब, पेट के उपरी हिस्से में दर्द, स्टूल के रंग में बदलाव इत्यादि है। इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी के माध्यम से होता है। यदि समय से इसके लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो स्थिती बहुत खराब हो सकती है और इलाज में काफी पैसे खर्च हो सकते हैं। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है और इसके इलाज में लाखों रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में यदि आप चाहें तो कैंसर के इलाज के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं और इलाज के खर्चों को इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर करा सकते हैं।
ऐसे जानलेवा रोगों के लिए “केयर हेल्थ इंश्योरेंस” के पास एक बेहतरीन प्लान “कैंसर इंश्योरेंस प्लान" (Cancer Insurance Plan) हैं, जहां आपको बीमा राशि की बड़ी रकम के साथ कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा प्रदान की जाती है। इसमें आपको प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चे, किमोथरेपी और रेडियोथेरेपी की सुविधा जो कैंसर के इलाज में उपयुक्त माने जाते हैं, डे-केयर ट्रीटमेंट, वार्षिक स्वास्थ्य जांच, एंबुलेंस कवर, इत्यादि के खर्चों को कवर करने के साथ कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है।
>> जाने: सर्वाइकल कैंसर क्या है?
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
विश्व अग्नाशय कैंसर दिवस हर साल 21 नवंबर को मनाया जाता है।
आयुर्वेद में अग्नाशय कैंसर नियंत्रित करने के लिए आंवला, हरीतकी, अश्वगंधा इत्यादि का उपयोग किया जाता है। उपचार को आजमाने से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से आवश्य सलाह लें।
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
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