Care Insurance
  • calendar_monthPublished on 29 Aug, 2024

    autorenewUpdated on 31 Jan, 2025

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सोते समय सांस लेते और छोड़ते समय तेज आवाज के साथ वाइब्रेशन होना खर्राटा कहलाता है। यह स्थिती सोने के बाद कभी भी शुरू हो सकती है और कभी भी बंद हो सकती है। खर्राटे की आवाज जरूरी नहीं की नाक से आती है, यह मुंह या नाक कहीं से भी आ सकती है। खर्राटे कई कारणों से आ सकते हैं, कभी-कभी यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा भी करते हैं। तो चलिए जानते हैं, खर्राटे क्यों आते हैं, खर्राटे कैसे बंद करें घरेलू उपाय, इत्यादि।

खर्राटे क्यों आते हैं?

क्या आपको भी खर्राटे आते हैं? घबराएं नहीं, यह बहुत ही आम समस्या है और इसके कई कारण हो सकते हैं। आप गहरी नींद में होते है तब आपके तालु, जीभ और गले की मांसपेशियां स्थिल हो जाती है। आपके गले के उत्तक वायुमार्ग को आंशिक रूप से अवरुद्ध करते हैं जिसके कारण कंपन होती है। ऐसे में आपका वायुमार्ग जितना ही संकरा होता है सांस लेना उतना ही कठिन होता है और कंपन की वजह से खर्राटे आते हैं

खर्राटे आने के कारण क्या है?

खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं, इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित है:-

  • मोटापा खर्राटे का एक मुख्य कारण है। इससे गर्दन पर ज्यादा मांस लटकने से सांस की नली दब जाती है और सांस लेने में दिक्कत होती है।
  • शराब का अध्यधिक सेवन कई बार गले की मांसपेशियां फैल जाती है, जिससे खर्राटे की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • जब गले और जीभ की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है तो लटकने लगती है और वायुमार्ग का रास्ता अवरुद्ध होता है। उम्र बढ़ने के साथ इस समस्या का होना आम बात है।
  • साइनस से भी खर्राटे की समस्या उत्पन्न होती है, इससे नाक छिद्र जाम हो जाते हैं।
  • गलत तरीक से सोने से भी गले के पीछे का भाग संकिर्ण हो जाता है और खर्राटे आते हैं।
  • नाक के वायु मार्ग में किसी भी कारण से रुकावट खर्राटे की वजह बन सकते हैं।
  • यदि किसी इंसान की गर्दन छोटी हो तो भी सांस लेते समय खर्राटे की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

>> यह भी देखें: स्लीप पैरालिसिस: लक्षण, कारण और उपचार

बच्चों को खर्राटे क्यों आते हैं?

बच्चों में खर्राटे आने के निम्नलिखित कारण हो सकते है:-

  • नाक की हड्डी टेढ़ी होने के कारण भी खर्राटे आ सकते हैं।
  • टॉन्सिल बढ़ने के कारण खर्राटे आ सकते हैं।
  • जुकाम की वजह से भी खर्राटे आते हैं।
  • जीभ के मोटी होने से भी खर्राटे आते हैं।

खर्राटे बंद होने के घरेलू उपाय क्या है?

खर्राटे से छुटकारा पाने के निम्नलिखित उपाय है:-

  • जैतून का तेल - खर्राटे की समस्या को दूर करने के लिए जैतून का तेल बहुत फायदेमंद होता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो सूजन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। रात को सोते समय नाक में दो बुंद जैतून का तेल डालने से सांस लेने में परेशानी नहीं होती है और खर्राटो से दूर रहने में मदद मिलती है।
  • हल्दी - हल्दी नाक के कंजेसन और सूजन को दूर करने का काम करता है। नियमित रूप से रात को सोने से पहले एक ग्लास दूध में एक चुटकी हल्दी का सेवन खर्राटे की समस्या को दूर कर सकता है। हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल गुण आपको और भी कई सारी समस्याओं से छूटकारा दिलात है।
  • शहद - शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो आपको सांस लेने के किसी भी तरह की समस्या को दूर करते हैं और खर्राटे आने से बचाते हैं। एक ग्लास पानी में लगभग एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से आपको फर्क नजर आ जाएगा।
  • दसी घी - खर्राटे की समस्या को दूर करने के लिए देसी घी बहुत काम की चीज है। नियमित रूप से देसी घी की कुछ बुंदे नाक में डालने से खर्राटे की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
  • लहसुन - साइनस की समस्या से भी खर्राटे की स्थिती उत्पन्न हो सकती है और इसके लिए लहसुन काफी फायदेमंद साबित होती है। रात को सोने से पहले लहसुन को भूनकर गुनगुने पानी के साथ लेने से खर्राटे को दूर किया जा सकता है।

सारांश

खर्राटे की समस्या होना बहुत आम बात है और यह कई कारणों से हो सकता हैं। सांस लेने के वायुमार्ग में किसी भी तरह के अवरुद्ध होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह टॉन्सिल बढ़ने, नाक की हड्डी बढ़ने इत्यादि कई कारणों से खर्राटे की समस्या होती है। इसे हल्दी, जैतून का तेल, शहद इत्यादि घरेलू उपाय के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके अलावा, आप अपनी आने वाली स्वास्थ्य समस्यों के बारे में पहले से तैयार रहने के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) भी करा सकते हैं। यह आपको मुश्किल घड़ी में वित्तीय सहायता प्रदान करती है और आप चिंता मुक्त हो कर अपने इलाज पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। आप केयर हेल्थ के व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा प्लान (Individual Health Insurance) को खरीद सकते हैं, जहां आपको वार्षिक स्वास्थ्य जांच से लेकर एंबुलेंस सेवा, हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्चे, इत्यादि कई और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा के फायदे पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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