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प्रेगनेंसी महिलाओं के जीवन का ऐसा दौर है, जिसका अनुभव बहुत ही अनोखा होता है। इस दौर में महिलाओं की स्थिति सामान्य जीवन की तुलना में बहुत नाजुक होती है। इसलिए ऐसे समय में आपको अपनी सेहत का खास ख्याल भी रखना चाहिए। ऐसे में खान-पान से लेकर बाकी चीजों का सख्ती से पालन करें, नहीं तो आपकी एक चूक गर्भावस्था को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इस समय महिलाओं के मन में हजारों सवाल चिंता का विषय बने रहते हैं। आइए जानते हैं, कुछ ऐसे काम के बारे में जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान दिया जाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए। दिनभर में कम से कम 4-5 लीटर पानी जरूर पीएं, साथ ही आप एक से दो गिलास जूस का भी सेवन करें। यदि संभव हो तो सप्ताह में एक बार नारियल पानी पी सकती है।
गर्भावस्था में साबुत अनाज का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। आप अपने डाइट में ब्राउन राइस, ओट्स, किनोआ इत्यादि को शामिल कर सकती हैं। इसमें कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। यह मां और शिशु दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है।
गर्भावस्था में पाचन क्रिया का ठीक होना बहुत जरूरी है, क्योंकि ऐसे में कब्ज की समस्याएं बढ़ जाती है। इसलिए आपको अपने आहार में हाई-फाइबर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। इससे कब्ज और गैस होने का खतरा ना के बराबर होता है।
सामान्य व्यक्ति की तुलना में गर्भवती महिलाओं को डेयरी प्रोडक्ट का ज्यादा सेवन करना चाहिए। दही, दूध, घी, पनीर इत्यादि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। यह प्रोटीन और कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने डाइट में हर तरह के डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करना चाहिए।
किसी भी महिला को गर्भावस्था के दौरान सामान्य व्यक्ति से ज्यादा विटामिन, आयरन, प्रोटीन इत्यादि की आवश्यकता होती है। ऐसे में महिलाओं को हरी सब्जियां जैसे, बीन्स, पालक, ब्रोकली, पत्तागोभी इत्यादि का सेवन करते रहना चाहिए।
गर्भावस्था के समय सूखा मेवा आपकी कई सारी आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस दौरान आप अखरोट, काजू, बदाम इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। इसमें कई तरह के पोषक तत्त्व जैसे- फाइबर, विटामिन्स, कैलोरी, ओमेगा 3 फैटी एसिड इत्यादि पाया जाता है।
ताजे और सीजनल फल का सेवन गर्भावस्था में बहुत लाभकारी होता है। प्रेग्नेंसी में अनार, संतरा, नाशपाती, सेब इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। यह आपको और आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में बहुत सहायक होता है। इसी के साथ यह भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है की कुछ फलों का सेवन गर्भावस्था में नुकसानदायक भी होता है, जैसे- पपीता, अनानास इत्यादि, तो ऐसे फलों से परहेज भी करना चाहिए।
आप सेक्स रूटीन को लेकर भी अपने गायनोलॉजिस्ट से आवश्य बात करें। वैसे सामान्य तौर पर डॉक्टर पहली तिमाही (फर्स्ट ट्राइमेस्टर) में सप्ताह में एक बार सेक्स की सलाह देते हैं, लेकिन यदि किसी तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो डॉक्टर आपके शारीरिक स्थिती के अनुसार सेक्स रूटीन बदलने की भी सलाह दे सकते हैं।
गर्भावस्था में एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठने से बचना चाहिए। ऐसे में बैठते समय पेट के निचले हिस्से को सीधा रखने की कोशिश करें, इससे आपको दर्द का आभास नहीं होगा। गर्भावस्था में पीठ को झुका कर नहीं बैठें, इससे आपको पीठ और कमर में दर्द हो सकता है।
गर्भावस्था महिलाओं के लिए एक ऐसा दौर होता है, जब उसे अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करनी पड़ती है, जैसे- समय पर खाना, सोना, उठना, इत्यादि। ऐसे में महिलाओं को सुबह उठने को लेकर मन में प्रशन रहते हैं। डॉक्टर हमेशा गर्भवती महिलाओं को सुबह नियमित रूप से जल्दी उठने की सलाह देते हैं। इससे महिला के शरीर में ऊर्जा और सकारात्मकता भी बनी रहती है। सुबह जल्दी उठना न सिर्फ महिला के लिए बल्की गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है।
गर्भावस्था के दौरान पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। पपीते में एक तरह का कैमिकल पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए पपीते के सेवन से बचने की कोशिश करें।
गायनोकॉलोजिस्ट के प्रिस्क्रिप्शन के बिना किसी भी तरह के दवाई का सेवन न करें। साथ ही नियमित रूप से दवाओं का सेवन करें और नियमित रूप से जांच कराते रहें।
नशा किसी भी तरह का क्यों न हो, सभी के लिए नुकसानदायक होता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं के साथ एक समस्या यह भी है की यह उनके साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान पहुंचाता है। इसका असर नवजात के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। ऐसे में शिशु का पूरी तरह से विकास नहीं हो पाता है और गर्भपात का भी खतरा रहता है।
यदि आपको चाय-कॉफी इत्यादि ज्यादा अच्छा लगता है तो इसके सेवन को कम कर दें, या ज्यादा प्रयास करें की छोड़ ही दें। कैफीन का सेवन ज्यादा करने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से इसके सेवन से जन्म के समय बच्चे का वजन कम होने की संभावना होती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान अंकुरित पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें कई तरह के बैक्टिरिया होते हैं, जैसे- साल्मोनेला बैक्टिरिया, लिस्टेरिया बैक्टिरिया, ई-कोलाई इत्यादि, जो कि फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।
वैसे तो ऐलोवेरा हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है, खासकर बालों और त्वचा के लिए, लेकिन गर्भावस्था में एलोवेरा जूस आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसके पीने से आपके पेल्विक हिस्से में ब्लीडिंग हो सकती है, इसलिए आपके लिए सही होगा की गर्भावस्था के पहली तिमाही में एलोवेरा जूस का सेवन करने से बचें।
प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मेहनत वाले एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से पहले अपने गायनोलॉजिस्ट डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें। यदि आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती है तो आपको एक्सरसाइज बंद या सीमित करने को भी कहा जा सकता है। सभी चीजें सही रहने पर आप नियमित रूप से लगभग आधे घंटे एक्सरसाइज कर सकती हैं।
गर्भावस्था का दौर किसी भी महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। ऐसे समय में सभी गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय पर खाना-पीना, सोना-जगना इत्यादि। यह भी जानने की जरूरत है कि प्रेग्नेंसी में क्या चीजें करनी चाहिए, क्या चीजें नहीं करनी चाहिए, जैसे- पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए, डॉक्टर की सलाह के बीना दवाई नहीं लें, अल्कोहल और धूम्रपान से बचें, सूखे मेवे का सेवन करें, डेयरी प्रोडक्ट का सेवन करें, ज्यादा मात्रा में पानी पीएं, इत्यादि।
ऐसी और भी चीजें उपरोक्त भागों में बताई गई है, आप विस्तार से पढ़ सकते हैं। इन सभी चीजों को देखते हुए, आप अपने प्रेग्नेंसी को मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस (Maternity Health Insurance) के द्वारा और ज्यादा सुरक्षित बना सकती हैं। आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के मैटरनिटी हेल्थ पॉलिसी (जॉय) को खरीद सकती हैं। इस पॉलिसी में कम प्रिमियम पर ज्यादा कवरेज आपको प्रदान की जाती है। यहां प्रेग्नेंट महिलाओं के प्रशव से पूर्व और प्रशव के बाद के सभी खर्चों को, कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन के द्वारा कवर किया जाता है। आप अपने सुविधा अनुसार बेस्ट मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं। इसके अलावा आप फैमिली स्वास्थ्य बीमा(family medical insurance policy) भी ले सकते हैं जो आपको बीमारी में खर्चों का सहायता प्रदान करता है और आपका परिवार वित्तीय रूप से सुरक्षित रहता है।
>> जानें मैटरनिटी इन्शुरन्स के महत्वपूर्ण लाभ
डिस्क्लेमर: मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। सेल्स प्रोस्पेक्टस, ब्रोशर, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
Published on 22 Nov 2024
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Published on 21 Nov 2024
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