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हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए? देखें, हार्ट बीट नॉर्मल करने के उपाय

  • calendar_monthPublished on 4 Jul, 2023

    autorenewUpdated on 15 Jan, 2025

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हृदय एक ऐसा अंग है जो शरीर के हर भाग में खून की सप्लाई करता है और शरीर को सक्रिय रखने में मदद करता है। लेकिन यदि किसी कारणवश आपके हृदय के कार्यप्रणाली में थोड़ा भी अवरोध या समस्या उत्पन्न होती है, तो यह स्थिती आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। बहुत लोग अपने हृदय के स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लेते हैं, यहां तक कि वो अपने हृदय की गती पर भी कभी ध्यान नहीं देते हैं की उनका दिल सही से धड़क रहा है या नहीं। आइए जानते हैं, पल्स रेट कितना होना चाहिए, दिल की धड़कन तेज होने के कारण क्या है,दिल की धड़कन तेज होने पर क्या खाना चाहिए, इत्यादि।

दिल की धड़कन कितनी होनी चाहिए?

बहुत लोगों को यह नहीं पता होता है की उनके उम्र के हिसाब से उनकी दिल की धड़कन कितनी बार धड़कनी चाहिए यानी हार्ट बीट कीतनी होनी चाहिए। यहां दिल के धड़कने का मतलब है की एक मिनट में दिल कितनी बार धड़कता है। जो शरीर में ऑक्सीजन का अवशोषण करने और कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर निकालने के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। यदि हृदय की गती में किसी भी तरह की कोई समस्या आई तो, यह आपके जान के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। एक मिनट में दिल जितनी बार भी धड़कता है, उसे हार्ट रेट कहते हैं।

1 मिनट में दिल की धड़कन कितनी होनी चाहिए?

heart beat in one minute

एक्सपर्ट का मानना है कि, सभी का हार्ट रेट उसकी उम्र, हेल्थ, शरीर का आकार और हार्ट की स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्य तौर पर, वयस्कों में हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक हो सकता है। उम्र के हिसाब से आपकी हार्ट रेट निम्नलिखित होती है:-

  • एक महीने तक के बच्चे - 70 से 190 bpm
  • 1 से 11 महीने तक के बच्चे - 80 से 160 bpm
  • 1 से 2 साल के बच्चे - 80 से 130 bpm
  • 3 से 4 साल तक के ​बच्चे - 80 से 120 bpm
  • 5 से 6 साल तक के बच्चे - 75 से 115 bpm
  • 7 से 9 साल तक के बच्चे - 70 से 100 bpm
  • 10 साल से बुजुर्गों तक - 60 से 100 bpm

दिल की धड़कन तेज होने के कारण क्या है?

दिल की धड़कन तेज होने की स्थिति को टैचीकार्डिया कहते हैं। पल्स रेट ज्यादा होने के कारण कई हो सकते हैं। जब किसी की भावनात्मक प्रतिक्रियाएं होती है तो हार्ट बीट बढ़ सकता है, ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने से भी हार्ट बीट बढ़ता है, या सुरक्षा में खतरा के कारण भी हार्ट रेट ज्यादा हो सकता है। ऐसे और भी कई कारण हो सकते हैं, जिसकी वजह से दिल की धड़कन में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसी स्थिती में हृदय की गति 100 बीट प्रति मिनट से ज्यादा हो सकती है। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, यह अचानक हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट स्ट्रोक और मौत का कारण भी बन सकता है।

सोते समय दिल की धड़कन तेज होना जानलेवा कैसे है?

बहुत लोगों को रात में सोते समय दिल की धड़कन तेज होना महसूस होती है। यह कोई आम बात नहीं है, इसके कई वजह हो सकते हैं। हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती है, इसके अलावा खानपान और जीवनशैली की खराब आदते भी दिल की धड़कन तेज होने का एक प्रमुख कारण हैं। रात में दिल की धड़कन बढ़ने का एक कारण एल्कोहल का सेवन भी है। बुखार के कारण भी रात में हार्ट बीट बढ़ सकता है। यदि आप कैफीन के रूप में चाय या कॉफी का ज्यादा सेवन करते हैं, तो भी रात को दिल की धड़कन बढ़ी हुई महसूस हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो ध्यान रखें।

>> यह भी पढ़ें - महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचने के उपाय

दिल की धड़कन बढ़ने के अन्य कारण क्या है?

हमेशा दिल की धड़कन तेज होने का कारण यह नहीं है कि आपको दिल की बीमार हैं। इसके निम्नलिखित कारण भी हो सकते हैं:-

  • एक्सरसाइज या किसी प्रकार की गतिविधी करने पर भी आपके दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
  • यदि आप टेंशन से गुजर रहे हैं तब भी आपका हार्ट बीट बढ़ सकता है।
  • दिल की धड़कन बीमारियों के कारण भी बढ़ सकती है, जैसे- थायरॉइट, फीवर, एनीमिया, ब्लड प्रेशर इत्यादि।
  • कुछ चीजों के सेवन से भी दिल की धड़कन बढ़ सकती है, जिसमें अल्कोहल, धुम्रपान, कैफीन इत्यादि शामिल है।

दिल की धड़कन सामान्य करने के उपाय क्या है?

कई बार हार्ट बीट तनाव और पर्यावरण कारणों से भी अचानक बढ़ जाती है। इसे हम मेडिटेशन, योग इत्यादि से कम कर सकते हैं। दिल की धड़कन कम करने के घरेलू उपाय निम्नलिखित उपाय है:-

  • अपने आप को शांत करने के साथ हवादार और एकांत जगह पर आराम करने की कोशिश करें।
  • खुली जगह जैसे पार्क में टहलने के लिए जाएं।
  • रिलैक्सिंग और वार्म बाथ लेने की कोशिश करें।
  • योग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।
  • ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।

कुछ उपाय करके आप अपने दिल की धड़कन को संतुलित बनाए रख सकते हैं

  • योगा व एक्सरसाइज
  • स्ट्रेश मैनेजमेंट
  • अल्कोहल और धुम्रपान से दूरी बनाकर रहें।
  • अपने वजन को संतुलित रखें।
  • अपने आप को हाइड्रेट रखें।
  • पर्याप्त निंद लें।
  • संतुलित डाइट का सेवन करें।

सारांश

जब हमारा हृदय स्वस्थ रहता है तो हम खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं। लेकिन यदि किसी भी तरह की हलचल हृदय में होती है तो यह संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। संतुलित हार्ट रेट हेल्दी शरीर के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन बहुत लोगों को हार्ट रेट सही है या नहीं होता है। एक वयस्क में हृदय की गती 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक हो सकती है।

एक मीनट में हार्ट जीतनी बार बीट करता है, उसे हार्ट रेट कहते हैं। उम्र के आधार पर हार्ट रेट कितना होना चाहिए, उपरोक्त भागों में बताया गया है। दिल की बीमारी के अलावा हार्ट रेट बढ़ने के और भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे- तेज शारीरिक गतिविधी, एक्सरसाइज, तनाव इत्यादि। कुछ योगा व व्यायाम के जरिए आप दिल के धड़कन को संतुलित रख सकते हैं। पल्स रेट कम करने के घरेलू उपाय के लिए आप एकांत जगह पर आराम कर सकते हैं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं, अल्कोहल और धुम्रपान से दूरी बनाकर रहें, पर्याप्त निंद लें, स्ट्रेश से बचें, इत्यादि। हृदय की समस्या बहुत ही गंभीर समस्या है, किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए उचित देखरेख बहुत जरूरी है।

इसके अलावा आप हृदय से जुड़ी बीमारियों के प्रबंधन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (health insurance coverage) भी ले सकते हैं। जहां आपको हार्ट की बीमारियों को कवर करने के साथ फ्री हार्ट हेल्थ चेकअप की सुविधा भी प्रदान की जाती है। आप केयर हेल्थ के हार्ट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Heart Health Insurance) को खरीद सकते हैं, जहां आपको प्री और प्रोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन के साथ वार्षिक हेल्थ चेकअप और कई और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है।

डिस्क्लेमर: हृदय रोग से जुड़े किसी भी तरह की समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से परामर्श करें। हृदय रोग के बीमा की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। कृप्या ब्रोशर और प्रोस्पेक्ट्स को ध्यान पूर्वक पढ़ें।

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