Save tax up to ₹75,000 ~ u/s 80D.
आज के समय में थायराइड की बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी में वजन तो घटता ही है साथ ही हॉर्मोन भी गड़बड़ हो जाते हैं। आयुर्वेद की माने तो थाइराइड होने का कारण वात, पित्त और कफ से संबंधित है। थायराइइड ग्लैंड हमारे शरीर में पाई जाने वाली सबसे बढ़ी अंतस्रावी ग्रंथियों में से एक है। थायराइड ग्लैंड में खराबी की वजह से थाइराइड से जुड़ी समस्याएं होती है, जिसे हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं।
थायराइड गर्दन के अंदर स्थित होती है। थायराइड एक तरह का एंडोक्राइन ग्रंथि(नलिकाहीन ग्रन्तियां) है, जो हॉर्मोन का निर्माण करते हैं। यह एक आम दोष है जो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा होता है। आइए जानते हैं, महिलाओं और पुरुष में थायराइड के लक्षण क्या है, थायराइड के उपचार क्या है, इत्यादि।
मुख्य रूप से थायराइड दो प्रकार के होते हैं:-
हाइपरथायराइडिज्म में अत्यधिक मात्रा में थायराइड हॉर्मन बनते हैं और हाइपोथायराइडिजम में हॉर्मोन कम मात्रा में बनते हैं। थायराइड ग्रंथि टी3 और टी4 थायरॉक्सिन नामक हार्मोन का निर्माण करती है, जो की पाचन तंत्र, हार्ट रेट, सांस और बॉडी टेम्परेचर पर डायरेक्ट प्रभाव डालती है।
यह हड्डियों, मांसपेशियों, पेशियों, लैंगिक, मानसिक वृद्धि और कोल्स्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है। यह जब हमारे शरीर में हॉर्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता है, तो हमारे शरीर का वजन कम या ज्यादा होने लगता है, जिसे हम लोग थायराइड की समस्या के नाम से जानते हैं।
हाइपरथायराइड के लक्षण क्या है?
हाइपोथायरॉइड के लक्षण क्या है?
थायराइड के लिए घरेलू उपचार निम्नलीखित है:-
थायराइड की बीमारी से निजात पाने के लिए रोज सुबह खाली पेट लोकी का जूस पिएं। इससे बीमारी से राहत मिलती है और बीमारी शांत होती है।
हरे धनिया के प्रयोग से थायराइड की बीमारी को ठीक किया जा सकता है। सबसे पहले इसे बारीक पीस लें और फीर रोजाना एक ग्लास पानी में घोल कर इसे पिएं। इससे थायराइड की बीमारी धीरे-धीरे कन्ट्रोल होने लगता है।
थायराइड से ग्रस्त मरीजों को आयोडीन (IODINE) युक्त आहार का सेवन ज्यादा मात्रा में करना चाहिए। इसका अच्छा स्रोत प्याज, लहसुन और टमाटर जैसी चीजें हैं।
यह भी थायराइड को नियंत्रित करने में बहुत सहायक होता है। यदि हर दिन संभव नहीं है तो कम से कम ऐसे मरीज को हर दूसरे दिन इसका सेवन करना चाहिए।
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो थायराइड को कंट्रोल करने में मददगार साबित होते हैं। इसलिए हमेशा रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना थायराइड मरीजों के लिए अच्छा होता है।
इसका घरेलू इलाज तुलसी से भी किया जा सकता है। इसमें दो चम्मच तुलसी के रस के साथ आधा चम्मच ऐलोवेरा जूस मिलाकर सेवन करने से थायराइड खत्म होता है।
इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए निम्नलिखित खान-पान होना चाहिए:-
वर्तमान समय में थायराइड कोई बड़ी बीमारी नहीं है। यह गर्दन के नीचले हिस्से में स्थित एक ग्रंथी होती है, जिसे चिकित्सा भाषा में थायराइड के नाम से जाना जाते हैं। इसका काम शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करना है, जैसे- आहार को ऊर्जा में परिवर्तित करना, इत्यादि। यह दो प्रकार के होते हैं, हाइपरथायराइड, हाइपोथायराइड।
क्या आप जानते हैं, थायराइड में क्या परेशानी होती है? हाइपरथायराइड के लक्षण में चिड़चिड़ापन, ज्यादा पसीना आना, हार्टबीट बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द का रहना, इत्यादि। हाइपोथायराइड के लक्षण में डिप्रेशन होना, पसीना कम आना, धड़कन की गति का धीमा होना, बालों का ज्यादा झड़ना, थकान का हमेशा महसूस होना, इत्यादि। आप थायराइड को घरेलू उपचार के द्वारा ठीक कर सकते हैं, जैसे - लौकी, हरी धनिया, कोकोनट वॉटर, तुलसी, आयोडीन, इत्यादि। यदि हम डाइट के बारे में बात करें तो ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियों का सेवन करें। फाइबर और प्रोटीन का भरपूर सेवन करें।
थायराइड के बारे में इस लेख में विस्तार से बताया गया है। थायराइड एक गंभीर बीमारी है इससे बचने के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंस(medical insurance) भी करा सकते हैं। थायराइड के कारण कई और गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती है, जिसके इलाज में लोगों के लाखों रूपए खर्च हो सकते हैं।
इसलिए कई गंभीर बीमारियों के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं, जहां आपको आर्थित सहायता के कई सारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। आप केयर हेल्थ के क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Plan) को ले सकते हैं, जहां आपको एक ही पॉलिसी में कई गंभीर बीमारियों के लिए इंश्योरेंस प्रदान किया जाता है।
>> जाने: थाइरोइड ट्रीटमेंट के लिए मेडिकल पॉलिसी के लाभ
डिसक्लेमर: मेडिकल पॉलिसी दावा मरीज की वर्तमान रिपोर्टों और नीति नियमों और शर्तों के अधीन है। उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ के लिए दी गई है। कृपया पॉलिसी के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
थायरॉयड वाले लोगों में वेट लॉस या वेट गेन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। हाइपोथायरायडिज्म को मोटा होने वाला थायराइड कहा जाता है। जब शरीर का वजन बढ़ता है तो थायरॉयड हार्मोन के कम होने का लक्षण होता है।
हाइपरथायरायडिज्म के कारण लोगों का वजन लगातार कम होने लगता है। जिसे सामान्य तौर पर पतले होने वाला थायराइड कहते हैं।
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Published on 20 Nov 2024
Get the best financial security with Care Health Insurance!