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पीसीओडी(PCOD) क्या है? जानें, इसके कारण, लक्षण और उपचार

  • calendar_monthPublished on 16 Mar, 2023

    autorenewUpdated on 14 Feb, 2025

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आज के समय में व्यस्त जीवन और खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। लोगों को खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय नहीं मिल पा रहा है। खासकर महिलाएं, जो घर और बाहर के काम को तो अच्छे से सम्भाल लेती हैं, लेकिन खुद की छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज करती रहती है। और वहीं छोटी-छोटी समस्याएं आगे जाकर गंभीर बीमारी का रूप ले लेती हैं। इन्हीं में से एक है पीसीओडी (PCOD) यानी पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज। 

पीसीओडी की समस्या महिलाओं और लड़कियों में बहुत कॉमन हो गई है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ ऐंड रिसर्च के अनुसार हमारे देश में करीब 10 प्रतिशत महिला आबादी पीसीओडी की समस्या से ग्रसित है। आइए जानते हैं, पीसीओडी कैसे होता है? 

पीसीओड (PCOD) क्या है?

पीसीओडी का मतलब है पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज, जो महिलाओं में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। यह महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है, जहां हॉर्मोन संतुलन बिगड़ने के कारण ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट का निर्माण होता है, जो गांठ की तरह दिखाई देते हैं। पीसीओडी के कारण महिलाओं में बांझपन, अनियमित पीरियड्स इत्यादि जैसी कई समस्याएं हो सकती है। पीसीओडी की समस्या 14 से 45 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसे मामलों में मरीज के चेहरे और दूसरे अंगो पर रोएं और बालों का निकलना शुरू हो जाता है।

पीसीओडी (PCOD के कारण क्या है?

हालांकि, पीसीओडी के मुख्य कारणों का अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो  इसके जोखिम कारक निम्नलिखित हो सकते हैं:- 

  • अनियमित पीरियड्स
  • अनहेल्दी लाइफस्टाइल
  • आनुवंशिक कारण
  • अचानक वजन में बढ़ोतरी
  • सूजन
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस
  • एंड्रोजन लेवल हाई होना

पीसीओडी के लक्षण क्या हैं?

पीसीओडी के लक्षण सबमें अलग-अलग हो सकते हैं। यह लक्षण उनकी शारीरिक स्थिति के आधार पर निर्भर करते हैं। उन्हीं में से पीसीओडी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार है:- 

  • मुंहासे
  • बांझपन
  • वजन बढ़ना
  • अनियमित पीरियड्स
  • ज्यादा रक्तश्राव होना
  • त्वचा का काला पड़ना
  • पीरियड्स का पूरी तरह से बंद हो जाना
  • चेहरे पर तेजी से बाल उगना
  • बालों का पतला होना
  • सरदर्द होना
  • निंद में कमी
  • शरीर के अन्य हिस्से पेट, जांघ और छाती पर बालों का बढ़ना
  • गर्भधारण में समस्या होना

पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

पीसीओडी को ठीक करना कोई बड़ी बात नहीं है। अपने लाइफस्टाइ में बदलाव कर के और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप पीसीओडी जैसी बीमारी से छुटकारा पा सकती हैं। अपने डेली रुटीन में योगा व एक्सरसाइज को शामिल करें। आप इसे दवाइयों के द्वारा भी नियंत्रित कर सकती हैं लेकिन शारीरिक वर्कआउट बहुत जरूरी है।

>> यह भी जानें: प्रेगनेंसी में महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचें

पीसीओडी (PCOD) की जांच कैसे करें?

किसी भी बीमारी का इलाज करने से पहले, उसकी जांच करना अत्यंत आवश्यक है। यदि आपको पीसीओडी के लक्षण या संकेत मिलते है तो आप निम्नलिखित जांच करा सकते हैं:-

  • चिकित्सा इतिहास - चिकित्सा इतिहास में डॉक्टर बीमारी से जुड़े सवाल कर उसके इतिहास के बारे में पता करते हैं। जैसे - हेल्थ और पीरियड्स से जुड़े सवाल, वेजाइना ब्लीडिंग से जुड़े सवाल इत्यादि। कुल मिलाकर पीसीओडी के लक्षणों से जुड़े कोई भी सवाल हो सकते हैं।
  • बॉडी टेस्ट - इसमें बीपी से लेकर बीएमआई और कमर की साइज सभी के बारे में जांच किया जा सकता है ताकि फैट के बारे में पता लगाया जा सके। साथ ही शरीर के किस हिस्से पर बाल तेजी से बढ़ें हैं इसका भी पता लगाया जाता है।
  • पेल्विक टेस्ट - पेल्विक जांच में ओवरी में गांठ और सूजन के बारे में पता किया जाता है।
  • ब्लड टेस्ट - ब्लड टेस्ट के माध्यम से एण्ड्रोजन का स्तर और ब्लड ग्लूकोज लेवल का पता किया जाता है।
  • सोनोग्राम - सोनोग्राम को हम वेजाइनल अल्ट्रासाउंड भी कह सकते हैं। इसमें साउंड वेव से पता लगाया जाता है कि ओवरी में गांठ मौजूद है या नहीं। साथ ही गर्भाश्य की मोटाई की भी जांच की जाती है।

पीसीओडी (PCOD) का इलाज क्या है? 

पीसीओडी का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है। इसके लक्षणों को दवाओं और सर्जरी के माध्यम से कम किया जा सकता है। इसके अलावा आप पीसीओडी का घरेलू उपचार कर के यानी लाइफस्टाइल में बदलाव कर के भी इसके लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। नीचे कुछ टिप्स बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने के बाद आप इसे ठीक कर सकते हैं:-

  • अपने डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करें। यह शरीर में शुगर लेवल को कम करता है, जिसके कारण इन्सुलिन बेहतर काम करता है और हार्मोन्स स्थिर रहते है।
  • दिन भर में कम से कम 30 ग्राम फाइबर का सेवन करें। यह आपके ब्लड शुगर को बैलेंस रखता है।
  • प्रोटीन का भरपूर सेवन करें।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
  • हैवी मील के बजाय थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं।
  • अपने वजन को मेंटेन रखें।
  • शाम के समय हेल्दी स्नैक्स का सेवन करें।
  • नियमित रूप से कम से कम 15 मिनट एक्सरसाइज करें।
  • अपने दिनचर्या में योग और मेडिटेशन को शामिल करें।
  • सॉफ्ट ड्रिंक से परहेज करें।
  • प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें।
  • केक, कुकीज, चॉक्लेट, मिठाई इत्यादि खानें से बचें।
  • मैदा और सूजी के सेवन से बचें।
  • स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं।

क्या पीसीओडी में प्रेगनेंसी संभव है?

यदि आपके मन में भी ऐसा विचार आता है कि, क्या पीसीओडी में आप प्रेगनेंट हो सकती है या नहीं? क्या पीसीओडी प्रेगनेंसी को प्रभावित करता है? तो दोनों का जवाब हां है। पीसीओडी प्रेग्नेंसी को प्रभावित जरूर करता है लेकिन इस में प्रेग्नेंसी संभव जरूर हो सकती है। सामान्य महिलाओं की तुलना में पीसीओडी वाली महिलाओं को प्रेगनेंसी में ज्यादा समय लग सकता है और दूसरी अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसो मामलों में अपने लाइफस्टाइल में बदलाव और सही इलाज के द्वारा इस परेशानी को नियंत्रित किया जा सकता है।

पीसीओडी में प्रेगनेंसी के लक्षण क्या है?

पीसीओडी में प्रेगनेंसी के लक्षण सभी महिलाओं में अलग-अलग होते हैं। यह महिला के स्वास्थ्य और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। पीसीओडी में गर्भधारण के लक्षण निम्नलिखित है:-

  • पीरियड्स मिस होना
  • मूड स्विंग होना
  • कमर के निचे दर्द होना
  • स्तनों में दर्द
  • बार बार पेशाब आना
  • गैस बनना
  • सिरदर्द होना

सारांश:- महिलाओं में पीसीओडी होना बहुत आम हो गया है। शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं, जिसके कारण यह होता है। इसके कारण प्रिग्नेंसी और पीरियड्स में बहुत परेशानी होती है। अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर के और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। 

साथ ही किसी भी चिकित्सा के वित्तिय बोझ से बचने के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंश पॉलिसि (health insurance policy) भी ले सकते हैं। ऐसे में आपके लिए केयर हेल्थ इंश्योरेंस का जॉय मैटरनिटी इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance) उपयोगी साबित हो सकता है, यह अपने बेस्ट प्लान के साथ मां और बच्चे के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है। आप चाहें तो फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस (best family insurance) भी ले सकते हैं, जिसमें आपके परिवार के सभी सदस्यों को बीमा प्राप्त होता है। ऐसे समय में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको वित्तिय रूप से कमजोर होने से बचती है और खर्चों से आपको टेंशन फ्री रखती है। यहाँ डे-केयर ट्रीटमेंट से लेकर और भी कई विकल्प होते हैं, जिसे आप अपने सुविधानुसार चुन सकते हैं।

डिस्क्लेमर: पीसीओडी से जुड़े कोई भी लक्षण या संकेत मिलने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें। इंश्योरेंस प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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