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माइग्रेन रोग क्या है? जानें, लक्षण, कारण और इलाज

  • calendar_monthPublished on 19 Apr, 2023

    autorenewUpdated on 13 Jan, 2025

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आज के समय में बदलते लाइफ स्टाइल और अनहेल्दी डाइट कई बीमारियों की जड़ मानी जाती है। लोग काम के चक्कर में न समय से खा पाते हैं, ना हीं चैन से सो पाते हैं। साथ ही दिन का ज्यादातर समय स्क्रीन पर ही बिताते हैं, जैसे- मोबाइल, लैपटॉप या टेलीविजन। इन्हीं में एक है माइग्रेन की बीमारी, जिसे अधकपारी के नाम से भी जानते हैं। आइए जानते हैं, माइग्रेन क्या है, माइग्रेन के लक्षण और उपाय क्या है, इत्यादि।

माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द होता है, जो आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में होता है। यह मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकारों के कारण हो सकता है। इस बीमारी में अक्सर सिर में हल्का और तेज कष्टदाई दर्द होता है। लेकिन यह आम सिरदर्द से काफी अलग होता है। यह दर्द किसी भी समय हो सकता है, जिसे बर्दाश्त कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह एक आम स्वास्थ्य विकार है, जो लगभग 5 महिलाओं में से 1 और 15 पुरुषों में से 1 को प्रभावित करता है। माइग्रेन में सिरदर्द की अवधि कुछ घंटो से लेकर कई दिनों तक हो सकती है।

माइग्रेन के लक्षण क्या है? 

सभी लोग कभी न कभी सिर दर्द कि समस्या से परेशान रहते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं, साधारण सिरदर्द और माइग्रेन के सिरदर्द को कैसे पहचानते हैं? यदि नहीं तो यहां हम बताएंगे माइग्रेन के सिरदर्द के लक्षण कैसे होते हैं। माइग्रेन के सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है, ऑरा यानी दृष्टी संबंधी समस्या । इसमें रोगी को चमकने वाली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती है। इसके लक्षण निम्नलिखित है:-

  • आंखो के आगे काला धब्बा दिखना
  • त्वचा में चुभन महसूस होना
  • कमजोरी लगना
  • आंखो के नीचे काले घेरे
  • ज्यादा गुस्सा आना
  • चिड़चिड़ापन होना
  • सिर के एक ही हिस्से में दर्द होना
  • प्रकाश और ध्वनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना

माइग्रेन के कारण क्या है?

ऐसा माना जाता है कि माइग्रेन का कारण दिमाग के नर्व, कैमिकल और ब्लड वेसल्स में कुछ समय के लिए होने वाला परिवर्तन है, जिसके कारण सिर में असहनीय और तेज दर्द होता है। हांलाकि, अभी तक माइग्रेन के किसी निश्चित कारण का पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ ऐसे कारण है जो माइग्रेन को ट्रीगर कर सकते हैं, जिससे मस्तिष्क के रसायनों में बदलाव शामिल है। इसके रसायनों में असंतुलन खासकर सेरोटोनिन के कारण शुरू होता है। माइग्रेन को ट्रीगर करने वाले प्रमुख कारण निम्नलिखित है:-       

  • शरीर हाइड्रेट नहीं रहना
  • ज्यादा चिंता करना 
  • आवश्यकता से ज्यादा तनाव लेना
  • महिलाओं में हार्मोनल बदलाव 
  • तेज प्रकाश 
  • तेज ध्वनी
  • निंद में बदलाव करना
  • सिगरेट और शराब पीना
  • ज्यादा गर्मी
  • तेज गंध
  • कुछ दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक गोलियां 

माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं?

वैसे तो माइग्रेन कई प्रकार के होते हैं, उनमें से कुछ निम्नलिखित है:-

  • क्रोनिक माइग्रेन - क्रोनिक माइग्रेन में हर महिने 15 दिन से ज्यादा समय तक दर्द शामिल होता है।
  • पीरियड्स माइग्रेन - यह माइग्रेन पीरियड्स के दौरान महसूस होते हैं।
  • एब्डोमिनल माइग्रेन - एब्डोमिनल माइग्रेन 14 साल के कम उम्र के बच्चों को होता है, जो आंत और पेट के अनियमित कार्य की वजह से हो सकता है।
  • वेल्टिबुलर माइग्रेन - माइग्रेन के इस प्रकार में गंभीर चक्कर आना एक लक्षण हैं।
  • हेमिप्लेजिक माइग्रेन - इस तरह के माइग्रेन में शरीर के एक तरफ अस्थाई रूप से कमजोरी हो जाती है।

माइग्रेन कैसे ठीक होता है

क्या आप जानते हैं, माइग्रेन का इलाज कैस होता है? आपको जानकर हैरानी होगी कि, माइग्रेन का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन डॉक्टर की सलाह और कुछ दवाओं के माध्यम से आप माइग्रेन के दर्द को कम कर सकते हैं। इसके लक्षणों का इलाज कर आप इसे आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। डॉक्टर निम्नलिखित बातों को आधार बना कर आपका इलाज करते शुरू करते है:-

  • मरीज की उम्र
  • माइग्रेन का दर्द कब और कितने दिनों में होता है
  • माइग्रेन दर्द का प्रकार
  • दर्द कितने समय तक और कितना गंभीर होता है
  • सिर दर्द के अलावा कोई लक्षण
  • माइग्रेन में सिर के अलावा कहीं और भी दर्द हो

>> इसे भी देखें: हेल्थ इन्शुरन्स प्लान फॉर फैमिली - कैसे करें सही मेडिक्लेम पॉलिसी का चुनाव?

माइग्रेन के नुकसान क्या है?

माइग्रेन जैसी समस्याओं का असर शरीर के कई अंगो पर पड़ता है। इसके कारण होने वाली शरीर की मानसिक और शारीरिक समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाती हैं। आइए जानते हैं, माइग्रेन से क्या नुकसान होता है:-

  • माइग्रेन शरीर के ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है, जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • यह मानसिक तनाव का कारण भी बनता है, जिसके कारण व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है।
  • यदि ओकुलर माइग्रेन हो तो यह आपकी आखों को नुकसान पहुंचा सकता है, और आंखों में खून का बहाव कम हो सकता है।
  • यह आपके हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाता है।
  • माइग्रेन में एंग्जायटी के कारण अनिद्रा की भी समस्या हो सकती है।

माइग्रेन में क्या खाना चाहिए? 

कुछ फूड आइटम्स होते हैं जो आपके माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं, लेकिन कुछ फूड आइटम्स ऐसे भी होते हैं, जो आपके माइग्रेन को कम करते हैं। इनसे ये पूरी तरह से ठीक तो नहीं होता है लेकिन माइग्रेन से निपटने में प्रभावी होता है। आइए जानते हैं, वैसे फूड आइटम्स के बारे में, जिन्हें आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए:-

  • नट्स - नट्स कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, यह आपके शरीर के साथ-साथ माइग्रेन के इलाज में भी बहुत प्रभावी होते है। नट्स में काजू, बदाम, अखरोट व कद्दू के बीज खाने के अच्छे विकल्प होते हैं।
  • पालक - आपके अच्छे स्वास्थ्य और माइग्रेन के लिए हरी-पत्तेदार सब्जियां बहुत फायदेमंद होती है। पालक फोलिक एसिड, विटामिन बी और मैग्नीशियम का एक अच्छा श्रोत होता है, जो माइग्रेन को दूर करने में मदद करता है।
  • पानी - माइग्रेन के लिए सबसे बेहतर इलाज, अपने आप को हाइड्रेट रखना है। आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें। सिरदर्द का सामना करने के लिए खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • अदरक - अदरक अपने औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है। इसमें कई ऐसे कम्पाउंड होते हैं, जो नॉन-स्टेरॉएडल एंटीइंफ्लेमेटरी होते हैं। यह माइग्रेन के दर्द से राहत पहुंचाने में बहुत लाभदायक होते हैं।
  • फैटी फिश - माइग्रेन में फैटी फिश का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं , जो माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए सही है। यह माइग्रेन को कम करते हैं ।

माइग्रेन किस विटामिन की कमी से होता है?

हमारे शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी होने पर भी माइग्रेन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। कुछ विटामिन नीचे दिए गए हैं, जिनके कारण माइग्रेन हो सकता है:-

  • विटामिन डी - विटामिन डी हमारे पूरे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती है और आपको माइग्रेन कि स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसके लिए आप कुछ देर धूप में बैठ सकते हैं या विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं।
  • मैग्नीशियम -  मैग्निशियम की कमी माइग्रेन का एक प्रमुख कारण होता है। इसकी कमी से तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती है और माइग्रेन का सामना करना पड़ सकता है। इससे छुटकारा पाने के लिए अपने डाइट में मैग्निशियम खाद्य पदार्थ को जरूर शामिल करें।
  • विटामिन बी कॉम्प्लेक्स - विटामिन बी कॉम्प्लेक्स हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी विटामिन होता है । इसके अंतर्गत विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, विटामिन बी12 इत्यादि होते हैं, साथ ही इसमें राइबोफ्लेविन और नियासिन भी मौजूद होते हैं। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से भी आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है। इसके लिए आप मछली, अंडे, दूध इत्यादि का सेवन कर सकते हैं, जिसमें आपको विटामिन बी कॉम्प्लेक्स मिलते हैं।

सारांश:- माइग्रेन का दर्द सामान्य सिरदर्द से बहुत अलग होता है। इसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द महसूस होता है, जो कुछ समय से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है। इसके लक्षण में त्वचा में चुभन, आंखो के नीचे काले घेरे, ज्यादा गुस्सा, चिड़चिड़ापन, सिर के एक हिस्से में दर्द, इत्यादि होते हैं। डॉक्टर कि सलाह और दवाइयों के माध्यम से आप माइग्रेन को नियंत्रित कर सकते हैं। नट्स, अदरक, पालक आदि माइग्रेन में खाने युक्त कुछ पदार्थ हैं, जो माइग्रेन के दौरान आपको राहत प्रदान कर सकते हैं। माइग्रेन के कारण आपको हार्ट अटैक या हृदय कि बीमारी जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती है। 

 

इसके अलावा, ऐसे गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंस कवर (health insurance cover) भी ले सकते हैं। जो आपको हमेशा वित्तिय रूप से तैयार रखता हैं। केयर हेल्थ इंश्योरेंस का क्रिटिकल इलनेश प्लान (Critical Illness Insurance) आपको एक साथ कई बीमारियों के लिए कवरेज प्रदान करता है, जिसे आप अपने सुविधानुसार चुन सकते हैं।

डिस्क्लेमर: माइग्रेन के किसी भी लक्षण का पता चलने पर डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें। हेल्थ कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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