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calendar_monthPublished on 8 Dec, 2023
autorenewUpdated on 14 Jan, 2025
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Written by Care Health Insurance
Reviewed by Care Health Insurance
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दुनियाभर में हर साल 18 अक्टूबर को “वर्ल्ड मेनोपॉज डे” मनाया जाता है। इसका मुख्य कारण महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। एक महिला रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) में तब प्रवेश करती है, जब उसे मासिक धर्म आने बंद हो जाते हैं। इस चरण के बाद, महिला का जीवन पूरी तरह परिवर्तित हो जाता है और उसकी गर्भवती होने की क्षमता समाप्त हो जाती है। यदि किसी महिला को पूरे एक वर्ष तक मासिक धर्म नहीं आता है तो उस चरण को पोस्टमेनोपॉजल माना जाता है।
मेनोपॉज से पहले के ट्रांजीशन फेज को पेरीमेनोपॉज कहा जाता है। इस ट्रांजीशन अवधि के दौरान महिला के अंडाशय द्वारा कम परिपक्व अंडे बनते हैं, और इसी वजह से ओव्यूलेशन अनियमित हो जाता है। साथ ही इस अवधि में, प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों का उत्पादन भी कम हो जाता है। मेनोपॉज(रजोनिवृत्ति) के अधिकांश लक्षणों का प्राथमिक कारण है: एस्ट्रोजन के स्तर में कमी। अधिकांश महिलाएं स्वाभाविक रूप से 45 और 55 वर्ष की आयु के बीच रजोनिवृत्ति से गुजरती हैं।
प्रत्येक महिला को रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) का एक अलग ही अनुभव होता है। जबकि कुछ को केवल हल्का दर्द होता है, दूसरों को अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव होता है। ये लक्षण लम्बे समय तक रह सकते हैं, परन्तु अक्सर रजोनिवृत्ति के लक्षण क्षणिक होते हैं। आइए जानते हैं, मेनोपॉज के लक्षण और उपाय क्या है,
सामान्य तौर पर, महिलाओं के पीरियड्स साइकिल के चार प्राथमिक स्टेज या चरण होते हैं।
प्री-मेनोपॉज स्टेज के दौरान, महिला अपने रिप्रोडक्टिव साइकिल(प्रजनन वर्षों) में होती है और उसे नियमित पीरियड्स आते हैं। इस स्टेज के दौरान, किसी भी तरह के रजोनिवृत्ति लक्षणों का अनुभव नहीं होता है।
रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) और प्रीमेनोपॉज़ स्टेज के बीच की अवधि को पेरीमेनोपॉज़ स्टेज कहा जाता है। लगभग 40 की उम्र में महिला इस स्टेज में प्रवेश करती है और यह कई वर्षों तक बनी रहती है। इस अवधि के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों आते हैं और अंडाशय धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। साथ ही, एस्ट्रोजेन के बनने का स्तर भी कम हो जाता है और वे कम अंडे का उत्पादन करते हैं। पेरिमेनोपॉज़ स्टेज के दौरान भी महिला गर्भवती हो सकती है, भले ही उसके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाए। इस स्टेज के दौरान निम्नलिखित अनुभव हो सकते हैं:
30 से 60 वर्ष की महिलाएं, रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) से प्रभावित हो सकती हैं। हालाँकि ज्यादातर महिलाएं स्वाभाविक रूप से 45 और 55 वर्ष की आयु के बीच रजोनिवृत्ति से गुजरती हैं। मेनोपॉज की स्टेज तब मानी जाती है जब किसी महिला का मासिक धर्म चक्र लगातार 12 महीनों तक रुक जाता है। अंडाशय ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया होता है और वो अब अंडे जारी नहीं कर रहे हैं। इस स्टेज के दौरान निम्नलिखित अनुभव हो सकते हैं:
जब पीरियड्स लगातार 12 महीनों की अवधि के लिए रुक जाते हैं तो इस स्टेज को एक महिला की पोस्टमेनोपॉजल स्टेज माना जाता है। अब वो महिला अपने शेष जीवन इसी अवस्था में रहेंगी।
मासिक धर्म बंद होने के लक्षण महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक, दो तरह का अनुभव हो सकता है।
शारीरिक लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
क्या आप जानते हैं, पीरियड बंद होने के कारण क्या है? महिला की ओवरी(अंडाशय) में मौजूद सभी अंडे जन्म के समय ही होते हैं। दो तरह के हार्मोन, प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन, ओव्यूलेशन और पीरियड्स को नियंत्रित करते हैं और ये भी अंडाशय द्वारा निर्मित होते हैं। जब एक महिला रजोनिवृत्ति में प्रवेश करती है तो मासिक धर्म(पीरियड्स) समाप्त हो जाता है और ओवरी(अंडाशय) हर महीने अंडे जारी करना बंद कर देती है।
जब मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) 40 वर्ष की आयु के बाद होता है, तो यह एक सामान्य स्थिति है। हालाँकि, कुछ महिलाओं में मेनोपॉज जल्दी शुरू हो सकता है। यह स्टेज कीमोथेरेपी की वजह से ओवरी को पहुँचने वाली क्षति या सर्जरी से भी शुरू हो सकती है, जैसे कि हिस्टेरेक्टॉमी, जिसमें अंडाशय को हटा दिया जाता है। किसी भी कारण से, यदि यह 40 वर्ष की आयु से पहले ये स्टेज आती है तो इसे प्री-मैच्योर मेनोपॉज कहा जाता है।
इम्म्यून सिस्टम डिसऑर्डर, जीन या मेडिकल ट्रीटमेंट्स के कारण भी प्री-मैच्योर मेनोपॉज हो सकता है। इस स्टेज के अतिरिक्त कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
प्राइमरी ओवेरियन इन्सुफिसिएन्सी: इस अवस्था को प्री-मैच्योर ओवेरियन फेलियर के रूप में भी जाना जाता है। जब ओवरी(अंडाशय) द्वारा अचानक से समय से पहले अंडे का उत्पादन बंद हो जाता है तो प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर बदल जाता है। यदि यह स्थिति 40 वर्ष की आयु से पहले होती है, तो इसे प्री-मैच्योर ओवेरियन फेलियर के रूप में जाना जाता है। प्रारंभिक मेनोपॉज के विपरीत, प्री-मैच्योर ओवेरियन फेलियर हमेशा अपरिवर्तनीय नहीं होती है।
इंड्यूस्ड मेनोपॉज: जब किसी कारणवश(गर्भाशय कैंसर या एंडोमेट्रियोसिस जैसे चिकित्सीय कारणों से) आपका डॉक्टर आपके अंडाशय को बाहर निकाल देता है तो यह स्थिति आती है। यह तब भी हो सकता है जब रेडिएशन या कीमोथेरेपी की वजह से अंडाशय को नुकसान पहुंचता है।
जब कोई भी महिला मेनोपॉज की स्टेज पर पहुँचती है तो एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। इस परिवर्तन के कारण गर्भधारण करने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होती है। इस हार्मोन के स्तर में कमी होने पर महिलाओं की कामेच्छा कम हो जाती है और उनके लिए उत्तेजित होना कठिन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, वैजाइनल कैनाल में सूखापन और लोच भी कम हो जाती है, जिससे यौन गतिविधि असहज हो सकती है। पोस्टमेनोपॉजल या पेरिमेनोपॉजल महिलाओं में से एक तिहाई से अधिक यौन समस्याओं का सामना करती हैं।
उपचार से मेनोपॉज के लक्षणों और संकेतकों को कम किया जा सकता है और उम्र बढ़ने के साथ विकसित होने वाली पुरानी बीमारियों को भी नियंत्रित किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ संभावित उपचार हो सकते हैं:
हार्मोन उपचार: मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉट फ्लैशेस के इलाज के लिए सबसे अच्छा उपाय है: एस्ट्रोजन मेडिकेशन। यदि महिला का गर्भाशय निकाला नहीं गया है तो एस्ट्रोजन के अलावा प्रोजेस्टिन की भी आवश्यकता होगी। एस्ट्रोजन से हड्डियों के नुकसान से बचा जा सकता है। लम्बे समय तक हार्मोन उपचार लेने से, स्तन कैंसर और हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है, हालांकि मेनोपॉज के आसपास शुरू की गयी हार्मोन थेरेपी से कई महिलाओं को फ़ायदा होता है।
गैबापेंटिन: गैबापेंटिन को दौरे के इलाज के लिए जाना जाता है पर इसकी मदद से हॉट फ्लैशेस की समस्या को कम करने में भी मदद मिलती है। यह दवा उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जो एस्ट्रोजन थेरेपी का उपयोग नहीं कर सकती हैं।
वैजाइनल एस्ट्रोजन: योनि के सूखेपन से राहत पाने के लिए, योनि क्रीम, टैबलेट या रिंग का उपयोग करके एस्ट्रोजन को सीधे योनि में डाला जा सकता है।
क्लोनिडाइन: क्लोनिडाइन को एक गोली या पैच के रूप में आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इस दवा से हॉट फ्लैशेस से भी कुछ राहत मिल सकती है।
फेज़ोलिनेंट: यह दवा मेनोपॉज के दौरान होने वाले हॉट फ्लैशेस के इलाज के लिए एक हार्मोन-मुक्त विकल्प है।
प्राकृतिक रूप से जब महिलाओं में पीरियड्स साइकिल बंद हो जाते हैं तो उस स्थिति को मेनोपॉज कहते हैं। महिलाओं में यह अवस्था शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत सारे बदलाव लाते हैं। इसमें आपको कई तरह की परेशानियां हो सकती है, जिससे आपको घबराना नहीं है। यदि आप किसी कारणवस गंभीर समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं तो सुचारू रूप से इसका इलाज कराएं। आप बीमारियों के खर्चों से निपटने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस भी करा सकते हैं, जहां आपको पैसों की टेंशन लिए बिना अच्छे अस्पताल में जा सकते हैं। आप केयर हेल्थ के फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Family Health Insurance) को ले सकते हैं, यहां आपको एक ही प्लान में परिवार के सभी सदस्यों को कवरेज प्रदान किया जाता है।
डिस्क्लेमर: मेनोपॉज में किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें। हेल्थ प्लान की सुविधाएँ, फायदे और कवरेज अलग-अलग हो सकते हैं। कृपया नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
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