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ब्रेन हमरेज क्या है? देखें इसके कारण और उपचार

  • calendar_monthPublished on 20 Dec, 2023

    autorenewUpdated on 17 Jan, 2025

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ब्रेन हेमरेज एक बहुत ही गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। हमारे बीच बहुत लोग ऐसे भी हैं, जिनको ब्रेन हेमरेज के बारे में पता नहीं है। मस्तिष्क हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, यदि इसमें थोड़ी सी भी समस्या महसूस होती है तो यह हमारे पूरे शरीर को प्रभावित करती है। हमारे मस्तिष्क में कई तरह की परेशानियां होती है, उसी में से एक है ब्रेन हेमरेज। ब्रेन हेमरेज को मानसिक दौरा या स्ट्रोक भी कहते हैं। आइए जानते हैं, ब्रेन हेमरेज क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या है, ब्रेन हेमरेज का उपचार, इत्यादि।

ब्रेन हेमरेज क्या है? (Brain Hemorrhage In Hindi)

यदि मस्तिष्क में ब्लीडिंग या रक्तस्राव हो जाता है तो इस स्थिति को ब्रेन हैमरेज कहा जाता है। क्या आप जानते हैं, ब्रेन हेमरेज कैसे होता है? इसका मुख्य कारण है: मस्तिष्क या उसके आसपास के टिश्यूज़ को आपूर्ति करने वाली ब्लड आर्टरी(रक्त धमनी) में किसी भी प्रकार का लीकेज। मस्तिष्क खुद से ऑक्सीजन और पोषण को स्टोर नहीं कर सकता है और इसके लिए वह रक्त धमनियों के नेटवर्क पर निर्भर करता है। मस्तिष्क में रक्तस्राव होने पर, ब्लड वेसल फट जाती है और मस्तिष्क में रक्त भर जाता है। परिणामस्वरूप मस्तिष्क पर प्रेशर बढ़ता है, जो मस्तिष्क के टिश्यूज़ और सेल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचने से रोकता है।

ब्रेन हेमरेज कितने प्रकार के होते हैं? (Types Of Brain Hemorrhage In Hindi)

ब्लीडिंग के सटीक स्थान के आधार पर, ब्रेन हेमरेज कई प्रकार का होता है।

हमारा मस्तिष्क तीन प्रकार के टिश्यूज़ से ढका हुआ और सुरक्षित रहता है। इन तीनों टिश्यूज़(आमतौर पर मेनिन्जेस कहा जाता है) में से किसी में भी रक्तस्राव हो सकता है। रक्तस्त्राव मस्तिष्क के वास्तविक टिश्यू के भीतर भी हो सकता है। ब्रेन हमरेज में दो तरह के स्थान हैं जहाँ ब्लीडिंग हो सकती है:

1. स्कल(खोपड़ी) के अंदर लेकिन मस्तिष्क के टिश्यूज़ के बाहर

  • एपिड्यूरल ब्लीडिंग: इस प्रकार का रक्तस्राव, मेम्ब्रेन की सबसे बाहरी परत(ड्यूरा मेटर) और स्कल(खोपड़ी) की हड्डी के बीच होता है।
  • सबड्यूरल ब्लीडिंग: यह रक्तस्राव, अरचनोइड मेम्ब्रेन और ड्यूरा मेटर द्वारा बने हुए स्थान में होता है।
  • सबअरचनोइड ब्लीडिंग: यह रक्तस्त्राव, पिया मेटर और अरचनोइड मेम्ब्रेन के बीच की जगह में होता है।

2. मस्तिष्क के टिश्यूज़ के अंदर

  • इंट्रासेरेब्रल ब्लीडिंग: इस प्रकार का रक्तस्राव मस्तिष्क के सेरिबैलम, ब्रेनस्टेम और लोब में होता है। मस्तिष्क के टिश्यूज़ में कहीं भी ब्लीडिंग हो सकती है।
  • इंट्रावेंट्रिकुलर ब्लीडिंग: इस प्रकार का रक्तस्राव मस्तिष्क के वेंट्रिकल्स में होता है, जो मस्तिष्क के अलग-अलग क्षेत्र होते हैं, जिन्हें कैविटी के नाम से जाना जाता है। ये कैविटीज़ सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड के रूप में जाने जाने वाले तरल पदार्थ को बनाती हैं, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करता है और उसे सुरक्षा प्रदान करता है।

ब्रेन हेमरेज के लक्षण क्या है? (Symptoms Of Brain Hemorrhage In Hindi)

ब्रेन हेमरेज के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अचानक, गंभीर सिरदर्द
  • संतुलन या समन्वय की हानि
  • निगलने में कठिनाई होना
  • दृष्टि संबंधी समस्याएँ
  • भ्रम या समझने में कठिनाई
  • स्तब्धता, सुस्ती, या बेहोशी
  • दौरे
  • बात करने में कठिनाई या अस्पष्ट वाणी

ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण क्या है? (Cause of Brain Hemorrhage In Hindi)

ब्रेन हेमरेज कई कारणों से हो सकता है, जो कि निम्नलिखित हैं:

  • सिर पर किसी भी तरह की चोट या आघात
  • सेरेब्रल एन्यूरिज्म, या मस्तिष्क की नस में दबने वाला उभार
  • बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर
  • ब्लड वेसल से सम्बंधित समस्याएं
  • रक्त या रक्तस्राव से सम्बंधित समस्याएं
  • लीवर रोग
  • मस्तिष्क का ट्यूमर
  • अत्यधिक दवाओं का सेवन
  • उम्र

ब्रेन हेमरेज होने के बाद क्या होता है?

किसी भी व्यक्ति में ब्रेन हेमरेज होने के बाद उसके ब्रेन के ऊतक को ब्लड पहुंचाने वाली धमनियां फट जाती हैं। जिसके कारण ऊतक में रक्त प्रवाह रुक जाता है और ब्रेन में ब्लड एकत्रित होने लगता है। इससे ऊतक को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है और ब्रेन की कोशिकाएं मर जाती हैं। कई स्थितियों में यह घातक भी हो सकता है।

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ब्रेन हेमरेज से होने वाली समस्याएं कौन सी है?

मस्तिष्क के टिश्यूज़ या वेंट्रिकल्स में जब अचानक से ब्लीडिंग या रक्तस्राव होता है तो इस स्थिति को इंट्रासेरेब्रल ब्लीडिंग्स(आईसीएच) के रूप में जाना जाता है। इसके परिणामस्वरूप गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं जैसे कि दौरे(यह किसी भी समय हो सकता है)। आंतरिक रूप से जब स्कल में रक्तस्राव होता है तो इसके कारण इंट्राक्रैनील दबाव में भी वृद्धि हो सकती है। इंट्राक्रैनील दबाव में वृद्धि के कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु या अपरिवर्तनीय मस्तिष्क क्षति हो सकती है।

इसके अलावा निम्नलिखित जटिलताएं शामिल हैं:

  • मूत्र पथ के संक्रमण
  • न्यूमोनिया
  • मूत्राशय पर नियंत्रण न होना 
  • अवसाद
  • दोबारा से ब्लीडिंग होना
  • दूसरे स्थान पर ब्लीडिंग हो जाना 
  • संक्रमण
  • क्रेनियल नस में क्षति
  • थकान

ब्रेन हेमरेज का पता लगाने के लिए टेस्ट्स

ब्रेन हेमरेज का पता लगाने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:

  • लम्बर पंचर, जिसे अक्सर स्पाइनल टैप के रूप में भी जाना जाता है, इसके दौरान डॉक्टर जांच के लिए रीढ़ की हड्डी से फ्लूइड को निकालने के लिए एक सुई का उपयोग करते हैं।  
  • सेरेब्रल एंजियोग्राफी के दौरान, चिकित्सक एक डाई इंजेक्ट करता है, जिसकी मदद से मस्तिष्क में या उसके पास असामान्य रूप से बनी रक्त धमनियों का पता चलता है, और फिर मस्तिष्क की एक्स-रे तस्वीरें ली जाती हैं।
  • एमआरआई।
  • सीटी स्कैन।

ब्रेन हेमरेज का उपचार क्या है?(Brain Hemorrhage Treatment In Hindi)

ब्रेन हेमरेज के उपचार का मतलब होता है, क्लॉट को हटाना, रक्तस्राव को रोकना और मस्तिष्क पर दबाव कम करना। यदि इसका उपचार नहीं किया जाता है और इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है तो मस्तिष्क अंततः थक्के(क्लॉट) को पुनः अवशोषित कर लेगा। लंबे समय तक मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने से होने वाली क्षति को ठीक नहीं किया जा सकता है। 

1. नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट

जो मरीज सर्जरी नहीं करवाना चाहते हैं, उनमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • सीमित संकेत और लक्षण
  • ठीक होने की संभावना कम होना (भारी रक्तस्राव, खराब न्यूरोलॉजिकल स्थिति, बुढ़ापा, रक्तस्राव की समस्या)
  • रक्तस्राव का स्थान (थैलेमिक या बेसल गैन्ग्लिया, जहां सर्जिकल रिपेयर बेहतर नहीं है)।

नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट में निम्नलिखित तरीके शामिल हैं

  • आईसीपी (क्लोट के कारण मस्तिष्क के टिश्यूज पर दबाव) की निगरानी और प्रबंधन करना।
  • क्लॉटिंग फैक्टर इन्फ्यूजन, उस स्थिति में जब रोगी रक्त पतला करने वाली दवा ले रहा हो।
  • फिर से रक्तस्राव होने की संभावना को कम करने के लिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना

2. सर्जिकल ट्रीटमेंट

जिन मरीज़ों की सर्जरी की जा सकती है - उनमें निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

  • कम उम्र के रोगी (जो वृद्ध रोगियों की तुलना में सर्जरी को बेहतर ढंग से संभाल सकते हैं)। 
  • ऐसे मरीज़ जिन्हें ब्लीडिंग ऐसे हिस्से में हुई है जो सर्जिकल ड्रेनेज के लिए उपयुक्त होता है, जैसे कि लोबार, सेरिबैलर, बाहरी कैप्सूल, या नॉन-डोमिनेंट हेमिस्फीयर। 
  • ऐसे मरीज़ जिनके लिए सर्जरी से एडिमा, नेक्रोसिस और पुनः रक्तस्राव की समस्याएं कम हो सकती हैं, लेकिन कभी-कभी न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शन में सुधार होता है।

सर्जिकल ट्रीटमेंट में निम्नलिखित शामिल हैं

  • क्लॉट(थक्के) को हटाने के लिए, क्रैनियोटॉमी के दौरान स्कल की हड्डी के एक हिस्से को काट दिया जाता है और मस्तिष्क को खोला जाता है। जब क्लॉट(थक्का) मस्तिष्क की सतह पर होता है या अंतर्निहित मस्तिष्क क्षति से जुड़ा होता है, तो यह प्रक्रिया सहायक होती है।
  • मस्तिष्क में गहराई में बने क्लॉट(थक्के) को हटाने के लिए स्टीरियोटैक्टिक क्लॉट एस्पिरेशन नामक न्यूनतम आक्रामक प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है।

ब्रेन हेमरेज से बचने के उपाय क्या है?

हालाँकि मस्तिष्क रक्तस्राव के सभी कारणों को रोकने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन निम्न बातों का ध्यान रखकर ब्रेन हेमरेज के मरीज की देखभाल किया जा सकता है:

  • रक्तचाप को नियंत्रित करना। 
  • धूम्रपान न करना। 
  • पौष्टिक भोजन का सेवन करना।
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करना।
  • स्वस्थ वजन बनाये रखना। 
  • शराब का सेवन कम करना। 
  • नियमित व्यायाम करना।
  • डायबिटिक लोगों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करना।

ब्रेन हेमरेज किस विटामिन की कमी से होता है?

विटामिन K रक्त जमने में मदद करता है, जो गंभीर रक्तस्राव को रोकने के लिए आवश्यक है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन K के बिना, छोटे घावों से बहुत लंबे समय तक खून बह सकता है, जिससे बड़े घाव हो सकते हैं। रक्त शरीर के अन्य हिस्सों में भी बह सकता है, जैसे मस्तिष्क (स्ट्रोक का कारण हो सकता है)। क्या आप जानते हैं, विटामिन K कितने प्रकार के होते हैं? विटामिन K तीन प्रकार के होते हैं। फाइलोक्विनोन, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले विटामिन K1 का नाम है; आंतों में उपयोगी बैक्टीरिया विटामिन K2 बनाते हैं, जिसे एनाक्विनोन भी कहा जाता है; मेनाडायोन, विटामिन K3, मानव निर्मित विटामिन K है।

क्या ब्रेन हेमरेज बीमा द्वारा कवर किया गया है?

हां, भारत के टॉप स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा मस्तिष्क की सर्जरी के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है। जहां आप सर्जरी से जुड़ी लागतों को रिम्बर्समेंट द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Insurance) को ले सकते हैं, जिसमें आपको बिनाइन ब्रेन ट्यूमर उपचार के लिए कवरेज प्रदान किया जाता है। यहां आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चे, एम्बुलेंस कवर, आईसीयू चार्ज, इन-पेशेंट केयर जैसी कई सुविधाएं मिलती है। विस्तृत बीमा कवरेज के लिए, अपने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में शामिल गंभीर बीमारियों की सूची की जांच करना सही रहेगा।

सारांश

आज के समय में लोगों का लाइफस्टाइल बहुत बदल चुका है, खाने-पीने से लेकर सोने-उठने तक सभी का समय लोगों ने अपने काम के आधार पर तय कर रखा है। इन सब का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ब्रेन हेमरेज एक घातक स्वास्थ्य समस्या है, यह तब होता है, जब मस्तिष्क में रक्तश्राव होने लगता है। ऐसे में तत्काल प्ररभाव से प्रारंभिक सहायता लेनी चाहिए, नहीं तो जीतनी देरी होगी जीवित रहने की दर उतनी ही कम होगी। ब्रेन हमरेज से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल प्रभाव से डॉक्टर से परामर्श करें। वर्तमान समय में चिकित्सा महंगाई को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) सभी के लिए बहुत जरूरी हो गया है, यह आपको गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

डिस्क्लेमर: ब्रेन हेमरेज के लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें। हेल्थ पॉलिसी की सुविधाएँ अलग-अलग हो सकती हैं। दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।

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