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ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया) क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

  • calendar_monthPublished on 25 Apr, 2023

    autorenewUpdated on 1 Jan, 2025

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कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है। जहां पर कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है। इसके कई प्रकार होते हैंं, और आमतौर पर यह जिस स्थान पर होता है, उसे उसी के नाम से जाना जाता है। उन्हीं मे से एक है ब्लड कैंसर जिसे खून का कैंसर या रक्त कैंसर भी कहा जाता है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के अंदर की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। यदि समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो, इसे पहले स्टेज में ही इलाज के द्वारा ठीक किया जा सकता है। 

ब्लड कैंसर क्या है?

ब्लड कैंसर को ल्यूकेमिया के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्लड में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया में बोन मैरो असामान्य वाइट ब्लड सेल्स को बहुत ज्यादा संख्या में बनाती है, जिन्हें ल्यूकेमिया सेल्स कहा जाता है। ब्लड में कैंसर युक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा बढ़ने के कारण रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पातीहै। यह सामान्य कोशिकाओं की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं और इनका विकास रुकता नहीं है। इसके बाद खून में हेल्दी ब्लड सेल की कमी के कारण शरीर सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाता है, और कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती है। ब्लड कैंसर के कई प्रकार होते हैं, और उनके प्रकार के आधार पर लक्षण भी भिन्न हो सकते हैं।

ब्लड कैंसर कितने प्रकार के होते हैं?

ब्लड कैंसर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। 

1. ल्यूकेमिया - ऐसा माना जाता है कि, इस तरह के ब्लड कैंसर में वाइट ब्लड सेल का अत्यधिक उत्पादन होता है, जो संक्रमण से लड़ने में असमर्थ होते हैं। ल्यूकेमिया को चार भागों में बांटा गया है, जो निम्नलिखित है:-

  • एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया - यह आपके बोन मैरो के वाइट ब्लड सेल को प्रभावित करता है और काफी तेजी से फैलता भी है।
  • एक्यूट माइलॉयड ल्यूकेमिया - यह कैंसर माइलॉयड सेल्स में उत्पन्न होता है, जो वाइट ब्लड सेल्स, रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स में पाया जाता है। इसका भी प्रसार काफी तेजी से होता है।
  • क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया - यह आपके बोन मैरो में मौजूद लिम्फोसाइटों में शुरू होता है और इसका प्रसार धीरे-धीरे होता है।
  • क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया - यह कैंसर कोशिकाएं माइलॉयड सेल्स को प्रभावित करती है और इसका प्रसार धीरे-धीरे विकसित होता है।

2. लिम्फोमा- लिम्फोमा ब्लड कैंसर आपकी लिम्फ सिस्टम को प्रभावित करती है। जो नसों का एक नेटवर्क होता है, जिसमें लिम्फ नोड्स, स्पलीन, और थाइमस ग्लैंड मौजूद होते हैं । 

3. मायलोमा- यह कैंसर आपके बोन मैरो की प्लाज्मा सेल्स को प्रभावित करता है। जिसमें आपकी हड्डी, ब्लड और किडनी को नुकसान पहुँचाती है।

ब्लड कैंसर के लक्षण क्या है?

ब्लड कैंसर के कारण असामान्य ब्लड सेल्स की तुलना में सामान्य ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है, जिसके कारण शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं। ब्लड कैंसर की पहचान उसके लक्षणों से की जा सकती है। तो आइए जानते हैं, ब्लड कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण:-

  • लगातार बुखार का बने रहना।
  • हड्डियों में दर्द रहना।
  • नाक, मसूड़े या मलाशय से लगातार ब्लीडिंग की समस्या।
  • रात को सोते वक्त पसीना आना।
  • महिलाओं में पीरियड्स के दौरान भारी ब्लीडिंग होना।
  • भूख नहीं लगना।
  • वजन कम होना।
  • रात को सोते वक्त पसीना आना।
  • बिना कुछ किए ज्यादा थकान महसूस होना।
  • गला, कमर या हाथ के नीचे गांठ बनना या ग्रंथी में सूजन होना।

ब्लड कैंसर के कारण क्या है?

विशेषज्ञों के आधार पर, अभी तक ब्लड कैंसर के कोई ठोस कारणों का पता नहीं चला है। कुछ चीजों के सेवन से ब्लड कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा कुछ खास तरह के कैमिकल्स या रेडिएशन के संपर्क में आने से भी ब्लड कैंसर होने का खतरा हो सकता है, जैसे- बेंजीन ब्लड कैंसर की आशंका को बढ़ा देता है।

>> इसे भी देखें: भारत में बढ़ रहे कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज क्या है?

ब्लड कैंसर के कितने स्टेज होते हैं?

मेटास्टेसिस के आधार पर कैंसर के चरणों को बांटा गया है। ब्लड कैंसर के लक्षणों और दर के अनुसार स्टेज को तय किया जाता है। मुख्य रूप से कैंसर के चार स्टेज होते हैं, जो निम्नलिखित प्रकार से है:-

स्टेज 1 - लिम्फोसाइट्स की संख्या में अचानक वृद्धी के कारण लिम्फ नोड्स भी बढ़ जाते हैं। यह दूसरों की तुलना में बहुत कम खतरनाक होते है और इनका इलाज पूरी तरह से किया जा सकता है।

स्टेज 2 -  ब्लड कैंसर के दूसरे चरण में स्पलीन, लिवर और लिम्फ नोड्स बढ़ जाते हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी अंग एक साथ ही प्रभावित हो लेकिन निश्चित रूप से इनमें से एक अंग प्रभावित होते हैं। कैंसर इन अंगों पर धीरे-धीरे अटैक करता है।

स्टेज 3 - ब्लड कैंसर के इस स्टेज में पेशेंट एनिमिया से ग्रसित हो जाता है और स्पीलीन, लीवर और लिम्फ नोड्स कैंसर से प्रभावित होने लगते हैं। तीसरे स्टेज में दो या दो से ज्यादा अंग प्रभावित होते हैं।

स्टेज 4 -  यह कैंसर की आखिरी स्टेज होती है, जहां शरीर पर कैंसर का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है और यह बहुत जोखिम वाला भी होता है। इस स्टेज में पेशेंट के मौत की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें ब्लड प्लेटलेट बहुत तेजी से गिरने लगते हैं और फेफड़ों के साथ-साथ कई अंग कैंसर से प्रभावित होने लगते हैं। क्या आप ब्लड कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण के बारे में जानते हैं? एक रिसर्च से पता चला है कि लास्ट स्टेज में कैंसर के तीन लक्षण लगातार जुड़े होते हैं, जो कि कैंसर पेशेंट के लगभग 80 पर्तिशत मामलों में पाए गए हैं, वो है गर्दन में गांठ, सीने में दर्द और पीठ में दर्द।

ब्लड कैंसर में क्या खाना चाहिए? 

ब्लड कैंसर में आप निम्नलिखित चीजों का सेवन कर सकते हैं:-

जितना हो सके ऑर्गेनिक फलों का इस्तेमाल करें।

अपने डाइट में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, डेयरी उत्पाद, फल और सब्जियों को शामिल करें, वसा मुक्त पदार्थों का सेवन करें।

डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें।

फल और सब्जियां जिसमें विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट इत्यादि के हाई सोर्स होते हैं और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में प्रभावी होते है, उनको डाइट में शामिल करें।

ऐसे में पेट की जलन और कब्ज की समस्याओं से बचने के लिए अपने डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं।

आसानी से खाए जाने वाले फल का सेवन करें।

क्या ब्लड कैंसर का इलाज संभव है या नहीं?

आज के समय में मेडिकल साइंस इतना आगे बढ़ गया है कि लगभग हर तरह के कैंसर का इलाज संभव है। लेकिन जरुरी है समय पर कैंसर के बारे में पता लगना। यदि सही समय पर कैंसर के बारे में पता चल जाता है तो इसके इलाज की सफलता दर काफी बढ़ जाती है।

सारांश:- शरीर में असामान्य रूप से कोशिकाओं के वृद्धी को कैंसर कहा जाता है। ब्लड कैंसर को ल्यूकेमिया के नाम से भी जानते हैं, जो ब्लड में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता हैं। इसके लक्षण नाक से ब्लड आना, भूख न लगना, लगातार बुखार रहना, इत्यादि है। ब्लड कैंसर के किसी सटिक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। यदि इसका निदान शुरूआती दौर में हो जाता है तो ब्लड कैंसर का इलाज आसानी से किया जा सकता है। ब्लड कैंसर कितने स्टेज का होता है, इसमें क्या खाना चाहिए, इत्यादि उपरोक्त भागों में बताया गया है।

वैसे तो, किसी भी तरह के कैंसर के इलाज का मतलब खर्चों के बोझ से दबना है। लेकिन यदि आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आप ऐसे गंभीर बीमारियों का इलाज आसानी से करा सकते हैं। ऐसे मुश्किल घड़ी में हेल्थ इंश्योरेंस(health insurance online) आपको खर्चों के वीत्तिय संकट से बचाता हैं और आपको टेंशन फ्री इलाज कराने के लिए तैयार रखता हैं। केयर हेल्थ के कैंसर इंश्योरेंस प्लान (Cancer Insurance Plan) को आप खरीद सकते हैं, जहां आपको फुल ट्रीटमेंट कवरेज प्रदान किया जाता है।

डिस्क्लेमर: ब्लड कैंसर से जुड़े कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें। कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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