Care Insurance
  • calendar_monthPublished on 30 Jun, 2023

    autorenewUpdated on 13 Jan, 2025

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पूरी दुनिया में 29 सिंतबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को हृदय रोग के लक्षण, सावधानियां और रोकथाम के बारे में बताया जाता है। लेकिन फिर भी बीते कुछ समय से युवाओं में हार्ट की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहा है। हाल ही में कई युवा कलाकारो की भी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। आइए जानते हैं, भारत में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं, सीने में भारीपन के कारण और उपाय, दिल की बीमारी का इलाज क्या है, इत्यादि। 

भारत में हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?

भारत में पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक से हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है। बदलते लाइफ स्टाइल और गलत खानपान कि आदतें मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और खराब कॉलेस्ट्रॉल जैसी कई बीमारियों को जन्म देती है, जो बाद में चलकर हृदय रोग के खतरे को बढ़ाती है। कुछ समय से हार्ट अटैक के मामलों मे तेजी से बढ़ोतरी हुई है और चौकाने वाली बात यह है कि इस बीमारी में ज्यादातर युवा चपेट में आ रहे हैं। इंडियन हार्ट एसोसिएशन (IHA) के आधार पर, युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं, खास कर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों में 50% और 40 वर्ष से कम उम्र के 40% लोगों में हार्ट की बीमारी या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। 

कमजोर दिल के लक्षण क्या होते हैं?

आपको यह जानना बहुत जरूरी है, की हार्ट की प्रॉब्लम होने पर क्या क्या परेशानी होती है। यहां हृदय समस्या के लक्षण नीचे दिए गए हैं:-

  • सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
  • सीने में दर्द के बाद उल्टियां होना
  • ब्लॉटिंग या मतली
  • जबड़े में दर्द
  • अचानक पसीना आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • धड़कन का अनियमित होना
  • पैरों में दर्द बने रहना
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

सीने में दर्द के कारण क्या है?

सीने में दर्द हृदय संबंधी समस्याओं के अलावा कई अन्य कारणों से भी हो सकता है। सीने में दर्द फेफड़ों में संक्रमण, आहार नली की समस्या, मांसपेशियों में तनाव, पसलियों और तंत्रिकाओं की समस्या के कारण भी हो सकते हैं। आइए देखते हैं, हार्ट में दर्द होने का कारण क्या है:-

  • क्या आप जानते हैं, सांस लेने पर सीने में दर्द क्यों होता है? फेफड़ों में संक्रमण या फेंफड़ों की समस्या होने की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है। यह दर्द खांसने, सांस लेने इत्यादि में हो सकता है। फेंफड़े की बीमारी में अस्थमा या निमोनिया हो सकता है। 
  • सीने में दर्द का एक कारण टीबी भी हो सकता है। इसमें फेफड़े की झिल्ली में सूजन भी आ सकती है और रोगी को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • सीने में बार-बार दर्द होना एंजाइना पेक्टोरिस के संकेत हो सकते हैं, जो बाद में जाकर हृदय रोग में तबदील हो जाता है। 
  • कोरोनरी धमनी में किसी तरह का खरोच या छेद होने की स्थिति में भी अचानक गंभीर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। 
  • सीने में दर्द हड्डी-तंत्रिका या पसली टूटने के कारण भी हो सकता है। पसलियों में सूजन आना, स्पाइन में चोट, हर्पीस इत्यादि भी सीने में दर्द का मुख्य कारण बन सकते है। 
  • पेट से जुड़ी बीमारियों के कारण भी सीने में दर्द हो सकता है। गैस यानी एसिडिटी , फूड पाइप में ऐंठन, पेप्टिक अल्सर इत्यादि के कारण भी सीने में दर्द की समस्या हो सकती है।

सीने में दर्द का घरेलू इलाज क्या है? 

सीने में दर्द होना एक बड़ी समस्या है, जिसका उपाय करना अतिआवश्यक है क्योंकि इसका दर्द बने रहना किसी गंभीर बीमारी की तरफ बढ़ सकता है। आप कुछ घरेलू उपाय के द्वारा भी सीने के दर्द को ठीक कर सकते हैं। सीने में दर्द के घरेलू उपाय निम्नलिखित है:-

  • लहसुन - सीने में दर्द के लिए लहसुन बहुत कारगर उपाय है। एक रिसर्च में यह पता चला है कि नियमित रूप से लहसुन का सेवन करने से दिल की बीमारियों से निजात मिलती है। लहसुन कॉलेस्ट्रोल को कम करता है और शरीर में खून का प्रवाह भी सही होता है। नियमित रूप से एक चम्मच लहसुन का रस गर्म पानी में डालकर सेवन कर सकते हैं।
  • अदरक - हृदय रोग में अदरक भी बहुत उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद जिंजरोल नामक रासायनिक यौगिक आपके कॉलेस्ट्रोल के लेवल को कम करता हैं। अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड वेसल्स को खराब होेने से बचाते हैं। आप रोजाना अदरक की चाय या काढ़ा पी सकते है, इसके अलावा कच्चे अदरक का सेवन भी कर सकते हैं।
  • तुलसी - तुलसी के पत्तों में मैग्निशियम और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को रोकता है। साथ ही, हृदय रोग में सीने में दर्द के इलाज में मदद करता है। आप नियमित रूप से 8 से 10 तुलसी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं या एक टेवलस्पून तुलसी के रस को शहद में मिला कर पी सकते हैं।
  • हल्दी - हल्दी में करक्यूमिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह ब्लड क्लॉट बनने और धमनी प्लाक को कम करने में सहायता करती है। यह सीने में सूजन होने के कारण को कम करती है और दर्द से जल्दी राहत प्रदान करती है। नियमित रूप से गर्म दूध और हल्दी का सेवन किया जा सकता है।

सारांश:-  

गलत खानपान और बदलते लाइफ स्टाइल के कारण कई बीमारियां जन्म लेती है, इन्हीं में एक है हृदय रोग। आज के समय में युवा पीढ़ी का जीवन इतना भाग-दौड़ भरा हो गया है की, नाहीं वे चैन से खा पाते हैं, नाहीं सो पाते हैं। हृदय रोग का मुख्य कारण अनियमित खानपान और खराब जीवनशैली है। हृदय रोग के शुरुआती लक्षण में सीने में दर्द, जबड़े में दर्द, सीने में दर्द के बाद उल्टियां, अचानक पसीना आना इत्यादि है। इसके कारणों में सीने में दर्द के अलावा फेफड़ों में इंफेक्शन, टीबी, पेप्टिक अल्सर इत्यादि हो सकते हैं। 

छाती में भारीपन का घरेलू इलाज भी किया जा सकता है, जैसे- नियमित रूप से लहसुन, अदरक, तुल्सी पत्ता इत्यादि का सेवन करना, इसकी मात्रा और विधी उपरोक्त भागों में बताई गई है। ऐसे मामलों में हमेशा तैयार रहने के लिए, आप फैमिली हेल्थ पॉलिसी(family health policy) भी करा सकते हैं। हार्ट वाले रोगियों के लिए हार्ट हेल्थ इंश्योरेंस फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि ये बीमा आपके बीमारी के संपूर्ण उपचार के लिए, खर्चों को कवर करती है। आप केयर हेल्थ के हार्ट इंश्योरेंस (Heart Insurance) को खरीद सकते हैं, जो आपके सभी हृदय से जुड़ी बीमारियों को कवर करती है। इसी के साथ यह वार्षिक हार्ट हेल्थ चेकअप की सुविधा भी मिलती है।

>> जाने: क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण और उपचार?

डिस्क्लेमर: हृदय रोग के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। कृप्या ब्रोशर और प्रॉस्पेक्टस को ध्यान पूर्वक पढ़ें।

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