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Published on 31 Mar, 2025
Updated on 31 Mar, 2025
17 Views
4 min Read
Written by Vipul Tiwary
Reviewed by Care Health Insurance
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के शारीरिक परिवर्तन और लक्षणों का अनुभव होता है। किसी महिला के गर्भाशय में भ्रूण का विकास होना गर्भावस्था कहलाता है, जिसकी अवधी आमतौर पर लगभग 9 महिना या 40 सप्ताह तक रहती है। इस दौरान मां-बच्चे के सही विकास की जांच करने के लिए कई तरह टेस्ट और अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं। आइए जानते हैं, प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए, प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट नाम, खून की कौन कौन सी जांच होती है, इत्यादि।
प्रेगनेंसी टेस्ट, गर्भावस्था की जांच करने के लिए किया जाने वाला टेस्ट है। इससे आपको पता चलता है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। यदि आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आता है तो आप गर्भवती है और निगेटिव आता है तो इसका मतलब आप गर्भवती नहीं है। प्रेगनेंसी टेस्ट में ‘ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन’ (HCG) का पता लगाते हैं, यह एक तरह का हार्मोन होता है, जो आपके शरीर में तब बनता है जब आप प्रेगनेंट होती है।&
प्रेगनेंसी टेस्ट दो तरह से किया जा सकता है- यूरिन टेस्ट और ब्लड टेस्ट के द्वारा। यूरिन टेस्ट आप घर पर आसानी से कर सकते हैं, इसके लिए आप प्रेगनेंसी किट मेडिकल स्टोर से खरीद कर, उसपर दिए निर्देशों का पालन करें। ब्लड टेस्ट के लिए आप घर से या अस्पताल जाकर दोनों जगह से करा सकते हैं। जहां आपके ब्लड का सैंपल लेकर टेस्ट किया जाता है। दूसरा तरीका अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भी गर्भावस्था की जांच की जाती है, इसके लिए आपको अस्पताल जाने की जरूरत पड़ सकती है।
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके तीन महिना बहुत क्रिटिकल होते हैं। इस दौरान सावधानी बरतने के साथ नियमित रूप चेकअप कराने की सलाह दी जाती है। पहले तीन महिना के दौरान डॉक्टर कुछ जांच कराने को कहते हैं, जिससे पता चल सके की मां से बच्चे को कोई बीमारी न हो जाए और मां-बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। इस दैरान टेस्ट से इसका भी पता लगाया जाता है कि गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है या नहीं।&
प्रेगनेंसी में ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट से लेकर अल्ट्रासाउंड तक सब कराई जाती हैं। यह सभी टेस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। इससे गर्भावस्था के दौरान मां-बच्चे में किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे मां और गर्भ में पल रहे बच्चे के सही विकास के बारे में भी पता चलता है।
गर्भावस्था के दौरान सही शारीरिक विकास और स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पता करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। गर्भावस्था में खून जांच:-&
इस उपरोक्त ब्लड टेस्ट से कई स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पता लगाया जाता है। जैसे-
गर्भावस्था के दौरान पेशाब जांच भी बहुत जरूरी होता है। इससे निम्नलिखित समस्याओं का पता चलता है:-
गर्भावस्था के दौरान शुरुआत में 2 से 3 अल्ट्रासाउंड किए जाते हैं।&
गर्भावस्था में टिटनेस टीका बहुत जरूरी होता है, इसे टेटनस टॉक्सॉयड (टीटी) के नाम से भी जानते हैं। टीका गर्भवती महिला को टिटनस से सुरक्षा प्रदान करता है। यदि महिला को पहले से टिटनस वैक्सीन नहीं लगा है तो गर्भावस्था के समय इसको आवश्य लगवाएं। इससे महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को टिटनेस से सुरक्षा मिलती है।
>>और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में कितना जरूरी है मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस,जानें इसके फायदे
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह के टेस्ट और टीका से गुजरना पड़ता है। इसका मुख्य कारण महिला और महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के सही विकास का पता लगना होता है। इस टेस्ट में ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट व अल्ट्रासाउंड है। इसमें ब्लड ग्रूप, हीमोग्लोबिन जांच, सीबीसी, एचसीजी टेस्ट जैसे कई तरह के टेस्ट होते हैं, इसके माध्यम से एनीमिया, HIV, न्यूरल ट्यूब दोष, हेपेटाइटिस बी और सी, सिफलिस आदि का पता लगाया जाता है। यूरिन टेस्ट से यूरिन इन्फेक्शन, किडनी फंक्शन, डायबिटीज, डिहाइड्रेशन इत्यादि की जांच की जाती है। अल्ट्रासाउंड से भ्रूण के सही विकास और गर्भाशय की स्थिति के बारे में पता किया जाता है। मतलब यह सारी चीजें गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे के संपूर्ण विकास की निगरानी के लिए बहुत जरूरी है।&
साथ ही आप गर्भावस्था के लिए मातृत्व बीमा भी करा सकते हैं। यह गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। इसमें महिला के प्रसव संबंधी खर्चों को कवर किया जाता है। इसके लिए आप केयर हेल्थ के मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance Plan) “जॉय” को खरीद सकते हैं। यह प्रसव के दौरान अस्पताल में भर्ती होने के साथ नवजात शिशु को 90 दिनों तक कवर करता है। इसमें प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन, डे-केयर ट्रीटमेंट, एंबुलेंस कवर जैसी कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है।&
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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