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एण्ड्रोजन हार्मोन के स्तर में जब असंतुलन होता है तब उसकी वजह से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या होती है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के कारण, महिला के शरीर में हार्मोन का स्तर बदल जाता है।
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में पुरुष हार्मोन सामान्य से अधिक मात्रा में बनते हैं। इस हार्मोन असंतुलन के कारण उनके पीरियड्स अनियमित होते हैं और उन्हें गर्भधारण करना भी मुश्किल हो जाता है। पीसीओएस एक हार्मोनल स्थिति है जो मुख्य रूप से 15 से 44 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करती है जो गर्भधारण कर सकती हैं।
पीसीओएस एक ऐसा विकार या सिंड्रोम हैं जो कि अंडाशय और ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। इसकी तीन प्राथमिक विशेषताएँ हैं:
पीसीओएस के निम्नलिखित प्रकार है:-
70 प्रतिशत महिलाओं में यह स्थिति होती है। इस प्रकार का पीसीओएस इंसुलिनोमा नामक बीमारी के कारण होता है, जो तब विकसित होता है जब शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रभावों के प्रति अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं।
इसके संकेत और लक्षण हैं:
उपचार विधि:
यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एक महिला अत्यधिक तनाव का अनुभव करती है।
इसके संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं:
कोर्टिसोल और डीएचईए का स्तर बहुत ज्यादा होना।
उपचार विधि:
लंबे समय तक सूजन रहने पर यह स्थिति होती है। इसका प्राथमिक कारण अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और खराब भोजन है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और अंततः पीसीओएस का कारण बनता है।
इसके संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं:
उपचार विधि:
यह तब विकसित होता है जब मौखिक गर्भनिरोधक गोली का उपयोग बंद कर दिया जाता है। यह विशेष प्रकार का पीसीओएस क्षणिक और इलाज योग्य है।
उपचार विधि:
पीसीओएस के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
पीसीओएस की समस्या का मुख्य कारण क्या है ये अभी तक सही से पता नहीं चल सका है। इस बात का प्रमाण है कि आनुवंशिकता के कारण ये समस्या होती है। इसके अलावा, मोटापा भी पीसीओएस का सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
जब एण्ड्रोजन का स्तर सामान्य से अधिक होता है तो महिला की प्रजनन क्षमता सहित उसके स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। पीसीओएस के प्रभावों में निम्न शामिल हैं:
पीसीओएस के निदान की पुष्टि करने से पहले डॉक्टर कुछ टेस्ट्स करवाने का आदेश दे सकते हैं। ये परीक्षण आपके विशिष्ट लक्षणों पर आधारित होंगे।
पीसीओएस को प्रबंधित करने के लिए, कई महिलाओं को दवा और जीवनशैली में संशोधन की आवश्यकता होती है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर, व्यक्तिगत उपचार बता सकते हैं।
पीसीओएस में आपको निम्नलिखित चीजों का सेवन करना चाहिए
पीसीओएस एक गंभीर रोग है, जिसके कारण महिलाओं को गर्भाधारण करने में समस्या होती है। इसे अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव कर के या हेल्थ-मेडिसीन के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा आप मेटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance Plan) भी ले सकते हैं, जहां आपको गर्भावस्था में, डिलीवरी से पूर्व और डिलीवरी के बाद के खर्चों को कवर किया जाता है। आप केयर हेल्थ के “जॉय” मेटरनिटी प्लान को ले सकते हैं। गर्भावस्था से जुड़ी मिलने वाली हर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
>> जाने: पीसीओडी(PCOD) क्या है?
डिस्क्लेमर: महिलाओं में पीसीओएस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, पता चलने पर डॉक्टर से तत्काल परामर्श करें। हेल्थ इंश्योरेंस के दावों की पूर्ति पॉलिसी के शर्तों और नियमों के अधीन है।
पीसीओडी आमतौर पर एक सप्ताह में ठीक हो सकता है। लेकिन कुछ महिलाओं में ज्यादा समय भी लग सकता है। यदि कोई महिला ज्यादा समय से पीसीओडी के लक्षणों का अनुभव कर रही तो उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श मिलना चाहिए। पीसीओएस व्यायाम
पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भधारण करना मुश्किल होता है, वहीं पीसीओडी में गर्भधारण किया जा सकता है। पीसीओएस की स्थिती महिलाओं में बहुत कम देखी जाती है जबकि पीसीओडी वाले महिलाओं की संख्या पूरे विश्व में फैला हुआ है।
Published on 22 Nov 2024
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Published on 21 Nov 2024
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