Care Insurance
  • calendar_monthPublished on 16 Jan, 2024

    autorenewUpdated on 7 Feb, 2025

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एण्ड्रोजन हार्मोन के स्तर में जब असंतुलन होता है तब उसकी वजह से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या होती है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के कारण, महिला के शरीर में हार्मोन का स्तर बदल जाता है। 

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में पुरुष हार्मोन सामान्य से अधिक मात्रा में बनते हैं। इस हार्मोन असंतुलन के कारण उनके पीरियड्स अनियमित होते हैं और उन्हें गर्भधारण करना भी मुश्किल हो जाता है। पीसीओएस एक हार्मोनल स्थिति है जो मुख्य रूप से 15 से 44 वर्ष की उम्र के बीच की महिलाओं को प्रभावित करती है जो गर्भधारण कर सकती हैं।

पीसीओएस एक ऐसा विकार या सिंड्रोम हैं जो कि अंडाशय और ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है। इसकी तीन प्राथमिक विशेषताएँ हैं:

  • अंडाशय के सिस्ट
  • पुरुष हार्मोन की बढ़ी हुई मात्रा
  • अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स का बिल्कुल भी न होना 

पीसीओएस कितने प्रकार के होते हैं? 

पीसीओएस के निम्नलिखित प्रकार है:-

इंसुलिन रेजिस्टेंस पीसीओएस:

70 प्रतिशत महिलाओं में यह स्थिति होती है। इस प्रकार का पीसीओएस इंसुलिनोमा नामक बीमारी के कारण होता है, जो तब विकसित होता है जब शरीर के सेल्स इंसुलिन के प्रभावों के प्रति अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं।

इसके संकेत और लक्षण हैं:

  • पेट में वजन बढ़ना
  • चीनी युक्त खाद्य पदार्थों के लिए क्रेविंग्स
  • थकान

उपचार विधि:

  • रोज़ एक्सरसाइज करें। 
  • मैग्नीशियम, क्रोमियम, एनएसी और इनोसिटॉल सप्लीमेंट फायदेमंद हो सकते हैं।
  • उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें और संतुलित आहार लें।
  • इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।

एड्रिनल पीसीओएस:

यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एक महिला अत्यधिक तनाव का अनुभव करती है।

इसके संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं: 

कोर्टिसोल और डीएचईए का स्तर बहुत ज्यादा होना। 

उपचार विधि:

  • योग और ध्यान का अभ्यास करके तनाव कम करें
  • नर्वस सिस्टम और एड्रेनल ग्लांड्स के लिए मैग्नीशियम, विटामिन बी5 और विटामिन सी के सप्लीमेंट्स लाभदायक हो सकते हैं। 
  • पूरे आठ घंटे की आरामदायक नींद लें।
  • ज्यादा कठिन एक्सरसाइज न करें। 

इंफ्लेमेटरी पीसीओएस:

लंबे समय तक सूजन रहने पर यह स्थिति होती है। इसका प्राथमिक कारण अस्वास्थ्यकर जीवनशैली और खराब भोजन है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और अंततः पीसीओएस का कारण बनता है।

इसके संकेत और लक्षण निम्नलिखित हैं: 

  • सिर दर्द
  • थकावट
  • एक्जिमा के समान डर्मेटाइटिस

उपचार विधि:

  • एनएसी, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट और हल्दी जैसे सूजन-रोधी खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • पेट के जीवाणु संतुलन को बनाए रखते हुए अपने पेट को स्वस्थ रखें।
  • पाचन एंजाइमों को बढ़ाएं। 
  • सूजन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

गोली के बाद पीसीओएस:

यह तब विकसित होता है जब मौखिक गर्भनिरोधक गोली का उपयोग बंद कर दिया जाता है। यह विशेष प्रकार का पीसीओएस क्षणिक और इलाज योग्य है।

उपचार विधि:

  • आराम और गहरी नींद फायदेमंद होती है।
  • जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी6 और विटामिन ई का सेवन करें। 

पीसीओएस के लक्षण क्या है?

पीसीओएस के निम्न लक्षण हो सकते हैं:

  • अनियमित या बहुत हल्के पीरियड्स होना। 
  • पेट का भारी लगना
  • तैलीय त्वचा या मुँहासे
  • पुरुष पैटर्न के साथ गंजापन या बालों का पतला होना
  • गर्भधारण करने में असमर्थ
  • स्किन टैग जो कि अतिरिक्त त्वचा के छोटे टुकड़े होते हैं जो बगल या गर्दन से बाहर निकलते हैं।
  • स्तनों के पीछे, बगल में और गर्दन के पीछे मोटी या काली त्वचा के हिस्से
  • बड़े अंडाशय या अंडाशय में बहुत सारी सिस्ट होना
  • पीठ, पेट और छाती पर शरीर के बालों का अत्यधिक बढ़ना 

पीसीओएस के कारण और प्रभाव क्या है?

पीसीओएस की समस्या का मुख्य कारण क्या है ये अभी तक सही से पता नहीं चल सका है। इस बात का प्रमाण है कि आनुवंशिकता के कारण ये समस्या होती है। इसके अलावा, मोटापा भी पीसीओएस का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। 

जब एण्ड्रोजन का स्तर सामान्य से अधिक होता है तो महिला की प्रजनन क्षमता सहित उसके स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। पीसीओएस के प्रभावों में निम्न शामिल हैं:

  • गर्भधारण न कर पाना
  • ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर, बढ़ा हुआ रक्तचाप, अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) का कम स्तर, खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) का बढ़ा हुआ स्तर
  • ये तत्व मिलकर मेटाबोलिक सिंड्रोम के रूप में जाने जाते हैं, और वे मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं।
  • नींद के दौरान एपनिया
  • अंडाशय का कैंसर
  • अवसाद

पीसीओएस का निदान कैसे होता है?

पीसीओएस के निदान की पुष्टि करने से पहले डॉक्टर कुछ टेस्ट्स करवाने का आदेश दे सकते हैं। ये परीक्षण आपके विशिष्ट लक्षणों पर आधारित होंगे।

  • ब्लड टेस्ट
  • अल्ट्रासाउंड 
  • कोलेस्ट्रॉल ब्लड टेस्ट
  • ब्लड प्रेशर टेस्ट 
  • ग्लूकोज टॉलरेंस ब्लड टेस्ट 

पीसीओएस का इलाज क्या है?

पीसीओएस को प्रबंधित करने के लिए, कई महिलाओं को दवा और जीवनशैली में संशोधन की आवश्यकता होती है। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर, व्यक्तिगत उपचार बता सकते हैं। 

  • बर्थ-कण्ट्रोल: हार्मोनल बर्थ-कण्ट्रोल, जैसे गोलियाँ, त्वचा पैच, वैजाइनल  रिंग, इंजेक्शन, या हार्मोनल आईयूडी (अंतर्गर्भाशयी उपकरण) का उपयोग करके नियमित मासिक धर्म को ठीक किया जा सकता है।
  • आहार और व्यायाम: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम आपके रोग को कम करने में मदद करते हैं। आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज सब्जियां और फल का सेवन करें। 
  • अनचाहे बालों का बढ़ना: कभी-कभी पीसीओएस के कारण अनचाहे बाल उग आते हैं, जिसका इलाज आपके डॉक्टर दवाओं और बालों को हटाने के तरीकों से कर सकते हैं, जैसे: डिपिलिटरीज़, इलेक्ट्रोलिसिस या लेजर थेरेपी।

पीसीओएस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

पीसीओएस में आपको निम्नलिखित चीजों का सेवन करना चाहिए 

  • एंटी इंफ्लेमेटरी फूड का सेवन करें। पीड़ित महिला को अपने डाइट में हल्दी, लहसुन, अदरक, तुलसी, इत्यादि का सेवन करना चाहिए। आोमेगा-3 फैटी एसिड को अपने डाइट में शामिल करें। 
  • फाइबर का भरपूरप मात्रा में सेवन करें। जैसे हरी-पत्तेदार सब्जियां, फल इत्यादि।
  • हेल्दी स्नैक्स लें। पौष्टिक नास्ते के रूप में  हरी सब्जियां, मौसमी फल इत्यादि। 
  • ज्यादा तले-भूने पदार्थों का सेवन न करें।
  • मसालेदार खाने से बचने  की कोशिश करें।
  • व्हाइट राइस, कैंडी और आलू जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें।

पीसीओएस एक गंभीर रोग है, जिसके कारण महिलाओं को गर्भाधारण करने में समस्या होती है। इसे अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव कर के या हेल्थ-मेडिसीन के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा आप मेटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance Plan) भी ले सकते हैं, जहां आपको गर्भावस्था में, डिलीवरी से पूर्व और डिलीवरी के बाद के खर्चों को कवर किया जाता है। आप केयर हेल्थ के “जॉय” मेटरनिटी प्लान को ले सकते हैं। गर्भावस्था से जुड़ी मिलने वाली हर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। 

>> जाने: पीसीओडी(PCOD) क्या है?

डिस्क्लेमर: महिलाओं में पीसीओएस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, पता चलने पर डॉक्टर से तत्काल परामर्श करें। हेल्थ इंश्योरेंस के दावों की पूर्ति पॉलिसी के शर्तों और नियमों के अधीन है।

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  • Q. पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है?

    पीसीओडी आमतौर पर एक सप्ताह में ठीक हो सकता है। लेकिन कुछ महिलाओं में ज्यादा समय भी लग सकता है। यदि कोई महिला ज्यादा समय से पीसीओडी के लक्षणों का अनुभव कर रही तो उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श मिलना चाहिए। पीसीओएस व्यायाम

    Q. पीसीओएस और पीसीओडी में अंतर क्या है?

    पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भधारण करना मुश्किल होता है, वहीं पीसीओडी में गर्भधारण किया जा सकता है। पीसीओएस की स्थिती महिलाओं में बहुत कम देखी जाती है जबकि पीसीओडी वाले महिलाओं की संख्या पूरे विश्व में फैला हुआ है।

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