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Published on 6 Mar, 2020
Updated on 27 Mar, 2025
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3 min Read
Written by Care Health Insurance
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हाई बीपी की समस्या होना आज के दौर में जितना सामान्य है उतना खतरनाक भी है। यदि आपके ब्लड प्रेशर की उच्चतम-रीडिंग 120 और निचली-रीडिंग 80 है तो यह नॉर्मल है। वहीं, यदि यह 85 से अधिक होता है, तो हाई बीपी यानी उच्च रक्तचाप का खतरा हो सकता है। इस बीमारी में ब्लड प्रेशर 140 के उपर तक जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के मामले में रक्त का दबाव आपकी धमनियों में धीरे-धीरे इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इसके कारण हृदय रोग जैसे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या काफी लंबे समय तक बिना किसी लक्षण के बढ़ती रहती हैं, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। आमतौर पर माना जाता है की हाइपरटेंशन महिलाओं से ज़्यादा पुरुषो में सामान्य है, लेकिन ऐसा नहीं है। हाइपरटेंशन की समस्या महिलाओं और पुरुषो दोनों को ही हो सकती है|
उच्च रक्तचाप का निदान करने का सबसे अच्छा तरीका है की नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जाँच कराएं। इस लेख में हम आपको बताएँगे की कैसे महिलाओं में हाई बीपी का खतरा बढ़ रहा है और कैसे इस घातक बीमारी से बचा जा सकता है|
उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नहीं होते हैं। यदि नियमित रूप से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ता जा रहा है तो आपको ब्रेन हैमरेज और किडनी खराब होने का खतरा हो सकता है। यदि सही समय पर इसका इलाज ना लिया जाए तो मरीज की जान जाने का भी खतरा हो सकता है|
सिर में दर्द, पूर्ण रूप से नींद ना लेना व अन्य लक्षण हो तो आपको हाइपरटेंशन की शिकायत हो सकती है और इसे नियमित दवाई लेने के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल से ही नियंत्रित किया जा सकता है|
महिलाओं में हाई बीपी के लक्षण निम्नलिखित है:-
महिलाओं में हाइपरटेंशन के कई कारण हो सकते है। इस बीमारी की गंभीरता उम्र के साथ बढ़ सकती है। गर्भावस्था, गर्भावस्था में रोकथाम व मासिक धर्म का बन्द होना -इन समस्याओं के कारण महिलाओं में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। किशोरावस्था में प्रीमेंस्ट्रुअल माइग्रेन की शिकायत महिलाओं में ज्यादा होती है। यह बीमारी आनुवंशिक रूप से हृदय रोग से संबंधित होती है।
>> जाने: हाई बीपी क्या है - उच्च रक्तचाप कम करने के उपाय
रिसर्च के अनुसार गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से भी महिलाओं में हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ जाती है। जिन महिलाओं को मोटापा या जिन्हें उच्च रक्तचाप की वंशानुगत बीमारी होती है, उन्हें यह रोग होने का खतरा ज़्यादा होता है। मेनोपॉज़ के उपरांत हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण वजन बढ़ने की शिकायत होती है जिसकी वजह से हाइपरटेंशन का होना आम बात है|
हाइपरटेंशन की रोकथाम के लिए महिलाओं को हर 6 महीने में ब्लड प्रेशर की जाँच करवानी चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में निम्नलिखित बदलाव लाना आवश्यक है:
30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं में हाइपरटेंशन होने का ख़तरा बढ़ रहा है। जिसके कारण हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना अनिवार्य हो गया है। यदि आपको या आपके परिवार में किसी को हाइपरटेंशन की शिकायत है, तो आप उनके लिए केयर हेल्थ इन्शुरन्स के केयर फ्रीडम पॉलिसी खरीद सकते हैं।
यदि आपके पास हेल्थ इन्शुरन्स पहले से है तो आपको मेडिकल इमरजेंसी के वक़्त पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसलिए आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Health Insurance Plan) लेना समझदारी की बात है। फिर देर किस बात की, आज ही केयर हेल्थ इन्श्योरेंस की मेडिकल पॉलिसी में निवेश कर अपने और अपने परिवार के स्वास्थ को सुनिश्चित करें।
डिस्क्लेमर: हाइपरटेंशन के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।
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