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वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स स्लैब क्या है? हेल्थ इन्शुरन्स लेने से कर सकते हैं बचत

  • Published on 3 Feb, 2023

    Updated on 25 Feb, 2025

  • 4244 Views

    4 min Read

वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स स्लैब में मिलते हैं ये खास फायदे

क्रेंद्रिय बजट 2023-2024 का नया इनकम टैक्स स्लैब आ चुका है। इसमें सबसे ज्यादा मिडिल क्लास के लोगों को ध्यान में रखा गया है। अब 7 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यह ओल्ड इनकम टैक्स स्लैब से बिल्कुल अलग है। इस नए बजट ने सैलरीड क्लास को खुश क दिया है। हालांकि, यह लाभ सिर्फ नई टैक्स रिजीम चुनने वालों को मिलेगा। वहीं 3 लाख इनकम वाले लोगों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। आइए जानते हैं वर्तमान में कर मुक्त आय की सीमा क्या है, इनकम टैक्स कितने पर लगता है वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज छूट क्या है, सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स में कितनी छूट है, इत्यादि।

2023-2024 का नया इनकम टैक्स स्लैब

आयकर स्लैब कर की दर
0 से 3 लाख तक 0%
3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच की आय 5%
6 लाख से 9 लाख रुपये के बीच की आय 10%
9 लाख से 12 लाख रुपये के बीच की आय 15%
12 लाख से 15 लाख रुपये के बीच की आय 20%
15 लाख रुपये से अधिक की आय 30%

इनकम टैक्स स्लैब (आयकर स्लैब) से ही इनकम टैक्स की गणना की जाती है। इससे यह भी पता चलता है की साल भर में आपको कितनी इनकम टैक्स-फ्री प्राप्त हुई है। यह इनकम टैक्स स्लैब वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग होता है, यानी 60 साल से नीचे के लोगों के लिए अलग होता है और 60 साल से उपर के लोगों के लिए अलग होता है। साथ ही यह सामान्य करदाताओं के लिए अलग होता है और संस्थान, कंपनी के लिए अलग होता है।

भारत में सरकार हर साल बजट पेश करते समय इनकम टैक्स स्लैब की घोषण करती है। यह घोषण मौजूदा सरकार के वित्त मंत्री द्वारा किया जाता है। वर्तमान में, दो तरह के अलग-अलग आयकर व्यवस्थाएं मौजूद हैं। 

टैक्स देने वाले को आईटीआर दाखिल करने में आसानी हो, इसके लिए नई व्यवस्था शुरू की गई। हांलाकी नए टैक्स स्लैब के साथ पुराने टैक्स स्लैब को भी जारी रखा गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि टैक्स देने वाले अपनी सुविधा के अनुसार नए या पुराने टैक्स स्लैब का चुनाव कर सके। और नए या पुराने टैक्स स्लैब के अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न(आईटीआर) फाइल कर सके।

>>जाने: जानिए क्यों ज़रूरी है वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा

60 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर स्लैब

क्या आप जानते हैं, सीनियर सिटीजन इनकम टैक्स लिमिट क्या है? अपने पूर्व-बजट ज्ञापन में इस वर्ष वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुल छूट की सीमा बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये करने की सिफारिश की गई है। इसके साथ, वरिष्ठ नागरिकों, यानी 60 से 80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए न्यूनतम कर छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं। अपेक्षित कर राहतों के विवरण में जाने से पहले, हमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए बुनियादी आयकर छूट के बारे में जान लेना चाहिए।

वरिष्ट नागरिकों के लिए इनकम टैक्स स्लैब की गणना घर के किराए, वेतन और निश्चित भत्ते के साथ-साथ अतिरिक्त आय साधनों के आधार पर किया जाता है। लगभग सभी जानते हैं कि अधिक्तर वरिष्ठ नागरिकों के पास एक स्थिर कमाई का साधन नहीं होता है, इसलिए 60 वर्ष के कम आयु वाले व्यक्तियों की तुलना में वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा आयकर छूट मिलता है।

आयकर स्लैब कर की दर
3 लाख तक 0%
3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की आय 5%
5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच की आय 20%
10 लाख रुपये से अधिक की आय 30%

अति वरिष्ठ नागरिकों यानी 80 साल के उपर के लागों के लिए इनकम टैक्स स्लैब

आयकर स्लैब कर की दर
5 लाख तक 0%
5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय 20%
10 लाख रुपये से अधिक की आय 30%

वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में मिलने वाले फायदे

टैक्सपेयर्स को टैक्स बेनिफिट्स मिलता है। लेकिन बुजुर्गों  को खासा राहत मिलती है। 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर छूट के अलाव उन्हें निवेश और रिटर्न पर भी खासा राहत दी जाती है:-

  • एक लाख रूपए तक का मेडिकल डिडक्शन क्लेम- वरिष्ठ नागरिक कुछ खास बीमारियों के चलते एक लाख रुपए तक का क्लेम कर सकते हैं।
  • हेल्थ इंश्योरेंस पर 50 हजार की राहत- 60 साल से ज्यादा उम्र के टैक्सपेयर को हेल्थ इन्शुरन्स लेने पर सालाना 50 हजार रुपए तक की राहत मिलती है।
  • बैंक अकाउंट ब्याज पर डिडक्शन क्लेम- वरिष्ठ नागरिकों को अपने बचत खाता पर ब्याज में 10 हजार रुपए तक का डिडक्शन क्लेम करने की छूट है।
  • ई-फाइलिंग में छूट- 80 साल से उपर के वरिष्ठ नागरिक यानी अति वरिष्ठ नागरिक  ITR-1 या ITR-4 को ऑफलाइन तरीके से भर सकते हैं। यानी उन्हें ई-फिलिंग करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ पेपर मोड में रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

क्या है वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे

सेवानिवृत्ति के बाद हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) को जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश माना जाता है ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई तरह के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान दिए जाते हैं। जिसमें इमरजेंसी परिस्थितियों में अस्पताल में भर्ती होने के लिए कवरेज मिलता है। साथ में इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइज़ेशन, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइज़ेशन और डोमिसिलरी हॉस्पिटलाइजेशन शामिल हैं। कैश औपचारिकताओं के बिना इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस उपचार की सुविधा दी जाती है। वार्षिक हेल्थ चेकअप प्रदान किया जाता है, जिसमें शुगर, बीपी, किडनी, सीटी स्कैन, यूरीन, हार्ट शामिल होता है। कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऑर्गन डोनर के साथ एम्बुलेंस के खर्चों को भी कवर करती है।

भारत के आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 डी के तहत, मेडिक्लेम बीमा पॉलिसी (mediclaim policy) के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम नियमों के अनुसार कर से छूट प्राप्त करने का अधिकार देता है। ऐसी पॉलिसियों के तहत भुगतान किए गए प्रीमियम के तहत कर लाभ (50,000 रुपए) के लिए पात्र हैं। इसके अलावा निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए 5,000 रुपए प्रति वर्ष की अतिरिक्त छूट भी उपलब्ध है।

इसलिए, जीवन की इस दूसरी पारी को अच्छे से खेलने के लिए टैक्स देने के साथ माता-पिता के लिए एक हेल्थ पॉलिसी (Health Insurance for Parents) का चयन करना बहुत जरूरी होता है। भारत में, वरिष्ठ नागरिक या तो किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को नहीं अपनाते  हैं या अपर्याप्त रूप से कवर किए जाते हैं। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ज़रूरी है एक ऐसी हेल्थ पॉलिसी जो सिर्फ़ उनकी ज़रूरतों को ध्यान में रख कर बनाई गई हो।  केयर हेल्थ इंश्योरेंस की सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance for Senior Citizens) उन्हीं में से एक है। यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। यह उनके मेडिकल खर्चों को कवर कर  उनको सभी स्वास्थ्य चिंताओं से दूर रखता है।

डिस्क्लेमर: प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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