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कोर्टिसोल हार्मोन को कैसे कम करें? देखें, इसके बढ़ने के लक्षण

  • calendar_monthPublished on 10 Feb, 2025

    autorenewUpdated on 10 Feb, 2025

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शरीर के किसी भी अंग का सही से काम करने के लिए हार्मोन का संतुलित होना बहुत जरूरी है। हार्मोन शरीर के लिए कैमिकल मैसेंजर होता है जो शरीर में मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है। यह शरीर के मुख्य काम को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे- भूख लगना, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, शारीरिक विकास, शारीरिक ऊर्जा, स्ट्रेस, इत्यादि। इन्हीं में से एक है कोर्टिसोल हार्मोन, जिसका संतुलित रहना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं, कोर्टिसोल हार्मोन क्या है, कोर्टिसोल बढ़ने के लक्षण क्या है, कोर्टिसोल हार्मोन को कैसे कम करें, इत्यादि।

कोर्टिसोल हार्मोन क्या है?

कोर्टिसोल हार्मोन को स्ट्रेस हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। कोर्टिसोल हार्मोन एक तरह का स्टेरॉयड हार्मोन है, जो शरीर में मौजूद एड्रेनल ग्रंथी द्वारा बनाया जाता है। यदि कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है तो कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे- स्ट्रेस, एंग्जाइटी, ओबेसिटी इत्यादि। एक स्वस्थ व्यक्ति में कोर्टिसोल का स्तर दिन के अलग-अलग समय पर बढ़ते और घटते रहता है। जीवनशैली और शारीरिक स्थितियां कोर्टिसोल लेवल को प्रभावित कर सकती है। कोर्टिसोल हार्मोन का बढ़े रहना शरीर के लिए घातक हो सकता है और समस्याओं को बढ़ा सकता है।

कोर्टिसोल बढ़ने के लक्षण क्या है?

कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में बढ़ोतरी के कई लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, इसके बढ़ने के कारण के आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। बढ़े हुए कोर्टिसोल के सामान्य लक्षण निम्नलिखिय है:-

  • हड्डियों का कमजोर होना
  • एंग्जाइटी
  • डिप्रेशन
  • थकान
  • अनियमित मासिकधर्म
  • सेक्स ड्राइव में कमी
  • वजन बढ़ना
  • स्किन का पतला होना
  • बल्ड प्रेशर बढ़ना
  • चिड़चिड़ापन
  • ब्लड शुगर का बढ़ना
  • मांसपेशियों का कमजोर होना

कोर्टिसोल बढ़ने के कारण क्या है?

कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, इनमें से कुछ निम्नलिखित है:-

  • एंड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर - एड्रेनल ग्रंथी कोर्टिसोल का उत्पादन करती है और ऐसे में इस ग्रंथी में किसी भी प्रकार की समस्या कोर्टिसोल उत्पादन में बाधा उतप्नान कर सकती है।
  • क्रोनिक स्ट्रेस - इसमें व्यक्ति लंबे समय से स्ट्रेस से प्रभावित होता है और लगातार तनाव महसूस करता है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो आपके हेल्थ को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • दवा का सेवन - कॉर्टिकोस्टेरॉइड और कॉन्ट्रासेप्टिव ओरल मेडिसिन आपके कोर्टिसोल हार्मोन के लेवल को प्रभावित कर सकती हैं और इस हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है।
  • पिट्यूटरी ग्लैंड से जुड़ी समस्याएं - पिट्यूटरी ग्लैंड की समस्याओं के कारण यदि यह ग्लैंड ज्यादा एक्टिव हो जाता है तो यह एड्रेनल ग्लैंड को ज्यादा कोर्टिसोल उत्पादन के लिए उत्तेजित कर सकता है।
  • एस्ट्रोजन लेवल में बढ़ोतरी - महिलाओं में एस्ट्रोजन लेवल का बढ़ना, कोर्टिसोल हार्मोन के बढ़ने का कारण हो सकता है।
  • कुपोषण - कुपोषण भी कहीं न कही कोर्टिसोल लेवल बढ़ने का कारण हो सकता है।

कोर्टिसोल हार्मोन के कार्य क्या है?

शरीर में कोर्टिसोल लेवल आपकी शारीरिक गतिविधियां और खाने के नियम पर निर्भर करता है। आमतौर पर, शरीर में कोर्टिसोल का हाई लेवल सुबह उठने के तुरंत बाद होता है और सोने से पहले सबसे लो लेवल होता है। इसका मुख्य काम कोशिकाओं को फैटी एसिड और प्रोटीन से ग्लूकोज बनाने के लिए प्रेरित करना है। इस प्रक्रिया को ग्लुकोनियोजेनेसिस कहा जाता है। यानी यह शरीर के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा को योग्य एनर्जी में बदलने में मदद करता है। हमारे शरीर के लगभग हर सेल में कोर्टिसोल रिसेप्टर्स पाए जा सकते हैं और यह कई अलग-अलग जरूरी कार्यों को करते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित है:-

कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के नाम से भी जानते हैं। यह हमारे शरीर की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने का काम करता है। यानी जब हम किसी शारीरिक या मानसिक तनाव से गुजरते हैं तो यह उस स्थिती का सामना करने या पीछे हट जाने के लिए शरीर को तैयार करता है।

  • कोर्टिसोल शरीर के सूजन और इम्फ्लेमेशन को कंट्रोल करने का काम भी करता है।
  • यह शरीर को उर्जा प्रदान करने वाले श्रोतों को भी नियंत्रित करने का काम करता है।
  • यह मेटाबोलिज्म को कंट्रोल करता है, जैसे फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म को, इत्यादि।
  • कोर्टिसोल आपकी मानसिक स्थिति और मूड को प्रतिक्रिया के आधार पर बदल सकता है।

>>यह भी पढ़ें: हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या है? देखें, कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय

कोर्टिसोल हार्मोन को कैसे कम करें?

हाई कोर्टिसोल लेवल के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। इसलिए इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। कोर्टिसोल को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं:-

  • संतुलित आहार का सेवन करें।
  • कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  • तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान जैसी चीजें करें।
  • भरपूर नींद लें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
  • खुश रहने की कोशिश करें।
  • सामाजिक तौर पर एक दूसरे से जुड़े रहें।

सारांश

शरीर को सुचारू रुप से कार्य करने के लिए कोर्टिसोल हार्मोन का सही होना बहुत जरूरी है। यदि आपको थकान, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, एंग्जाइटी इत्यादि जैसी समस्यों का सामना कर रहे हैं तो आपका कोर्टिसोल लेवल ज्यादा हो सकता है। कोर्टिसोल हार्मोन ज्यादा होने के लक्षण हैं, तनाव, चिंता, कमजोरी, थकान, मोटापा, चिड़चिड़ापन, हाई बीपी, इत्यादि। इसके मुख्य कारण है, पिट्यूटरी ग्लैंड से जुड़ी समस्याएं, दवाएं, एंड्रेनल ग्लैंड ट्यूमर, क्रोनिक स्ट्रेस, इत्यादि। कोर्टिसोल हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें, पर्याप्त निंद लें, कैफीन से बचने की कोशिश करें, खुश रहें, इत्यादि।

इन सबके बावजूद, शारीरिक समस्याओं के लिए स्वास्थ्य बीमा लेना बहुत सही कदम है। यह आपको कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। इससे आपको इलाज के खर्चों के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ती है और इलाज का सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिया जाता है। ऐसे में आप केयर हेल्थ के सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Health Insurance Plan) को खरीद सकते हैं और इसके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसमें आपको प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन से लेकर डे-केयर ट्रीटमेंट, एंबुलेंस कवर, इत्यादि जैसी कई स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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