Care Insurance

हीमोग्लोबिन क्या है -इसे कैसे बढ़ाएं, नार्मल रेंज, कम होने के लक्षण

  • calendar_monthPublished on 19 May, 2023

    autorenewUpdated on 15 Feb, 2025

  • visibility410229 Views

    nest_clock_farsight_analog4 min Read

एक स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। इसमें किसी प्रकार की कमी होने से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। हीमोग्लोबिन आपके खून में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है, जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है। आइए जानते हैं, हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज कितनी होनी चाहिए, हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं, महिलाओं में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए, इत्यादि।

हीमोग्लोबिन क्या है? (hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबीन रेड ब्लड सेल्स को बनाने वाला एक मेटल प्रोटीन है, जिसका मुख्य काम शरीर के टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाना होता है। शरीर के किसी भी अंग में ऑक्सीजन कम या ज्यादा हो जाए तो उसे हीमोग्लोबिन ही बैलेंस करता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को कोशिकाओं से बाहर निकालकर फेफड़ों में ले जाता है। यह आपके शरीर को सही तरीके से काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक वयस्क के शरीर में 4 से 5 लीटर खून होना जरूरी माना जाता है।

हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज कितना होना चाहिए? (hemoglobin normal range)

क्या आप जानते हैं, नार्मल हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए? पुरुषों और महिलओं में हीमोग्लोबिन लेवल अलग अलग होते हैं। हीमोग्लोबिन का सामान्य लेवल उम्र और महिला या पुरुष होने पर भी निर्भर करता है। सामान्यतौर पर, पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर(DL) होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0 से 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है। 

हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज

बच्चे

जन्म

13.5 to 24.0 g/dl

<1 महिना

10.0 to 20.0 g/dl

1-2 महिना

10.0 to 18.0 g/dl

2-6 महिना

9.5 to 14.0 g/dl

0.5 to 2 साल

10.5 to 13.5 g/dl

2 to 6 साल

11.5 to 13.5 g/dl

6-12 साल

11.5 to 15.5 g/dl

महिला

उम्र 12-18 साल

12.0 to 16.0 g/dl

उम्र >18 साल

12.1 to 15.1 g/dl

पुरुष

12-18 yrs

13.0 to 16.0 g/dl

>18 yrs

13.6 to 17.7 g/dl

हीमोग्लोबिन कम होने के क्या लक्षण है?

हीमोग्लोबिन कम होना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर आप निम्नलिखित लक्षण देख सकते हैं:-

  • चक्कर आना
  • कमजोरी 
  • थकान
  • घबराहत
  • एकाग्रता में कमी
  • सांस फूलना
  • सिर में दर्द
  • चिड़चिड़ापन
  • हांथ-पांव ठंडा होना

हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं?

आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें- अपने डाइट में साबुत अंडे, चिकन लिवन, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- चुकंदर, पालक इत्यादि शामिल करें। फलों जैसे- सेब, अनार, तरबूज इत्यादि का भी सेवन करें।

फोलिक एसिड का सेवन बढ़ाएं- फोलिक एसिड एक बी-कॉम्पलेक्स विटामिन है, जो रेड ब्लड सेल्स को बनाने के लिए बहुत जरूरी है। फोलिक एसिड के लिए आप अंकुरित अनाज, ब्रोकली, केला, मूंगफली, हरी पत्तेदार सब्जियां इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ लें- हीमोग्लोबिन कम होने के केस में आयरन के साथ विटामिन सी का होना बहुत अच्छा होता है। इसे अपने डाइट में शामिल करें। इसके लिए आप संतरे, निंबू, पपीता, टमाटर इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।

सेब- एक सेब का सेवन रोजाना करें। यह आपके शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करता है। 

हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज- स्वास्थ्य आहार का सेवन करें और रोजाना व्यायाम करें। एक्सरसाइज से शरीर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ती है और हीमोग्लोबिन उसे पूरा करता है। अपने आहार में आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करें।

प्रेगनेंसी में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए?

गर्भवती महिलाओं के बॉडी में हार्मोनल बदलाव के कारण कई तरह की परेशानियां आती हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं में यह डर हमेशा बना रहता है कि, कहीं खून की कमी तो नहीं है। आपको बतादें कि, एनीमिया में ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। जैसा कि उप्रोक्त भागों में बताया गया है की हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को शरीर के सभी अंगो तक पहुंचाता है, इसलिए ऐसे में हीमोग्लोबिन सामान्य न हो तो शरीर के विभिन्न अंगों तक और बच्चे तक ऑक्सीजन को पहुंचने में समस्या होती है। गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन लेवल 12 से कम नहीं होना चाहिए, नहीं तो ज्यादा कम होने पर आपको एनीमिया हो सकता है।

>> यह भी पढ़ें - ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए?

हीमोग्लोबिन की कमी कैसे दूर करें?

हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले आहार निम्नलिखित है:-

  • अपने डाइट में पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
  • चुकंदर, अनार, सेब, अमरूद, केला, गाजर, संतरा, टमाटर इत्यादि का सेवन करें।
  • अपने रूटीन में बादाम, किशमिश, खजूर को शामिल करें।
  • अंडा, चिकन, मछली को भी अपने आहार में शामिल करें।
  • गुड़ का सेवन करें या गुड़ की चाय पिंएं।

हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले रोग कौन से हैं?

हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाली बीमारियां निम्नलिखित है:-

  • एनीमिया
  • ब्लड प्रेशर
  • डिप्रेशन
  • दिल से जुड़ी बीमारियां
  • किडनी और लिवर संबंधी बीमारियां

सारांश:- हीमोग्लोबीन रेड ब्लड सेल्स को बनाने वाला एक प्रोटीन है, जो शरीर के सभी अंगो तक ऑक्सीजन सप्लाई करता है। यह ऑक्सीजन कम या ज्यादा होने पर उसे बैलेंस करता है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल कर फेफड़ों में ले जाता है। पुरुषों और महिलाओं में हीमोग्लोबिन रेंज अलग-अलग होता है। इसका लेवल उम्र और महिला या पुरुष होने पर भी निर्भर करता है। 

पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होता है। कुछ खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल कर के आप हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसकी कमी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है, जैसे- एनीमिया, बीपी, दिल से जुड़ी बीमारियां, इत्यादि। आज के समय में बढ़ते बीमारियों को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी हो गई है और यह कभी भी आपको विकट परिस्थिति में डाल सकती है। ऐसे में किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज या सर्जरी के लिए, आसानी से खर्चों को जुटा पाना बहुत मुश्किल हो गया है।

पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होता है। कुछ खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल कर के आप हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसकी कमी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है, जैसे- एनीमिया, बीपी, दिल से जुड़ी बीमारियां, इत्यादि। आज के समय में बढ़ते बीमारियों को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान(health insurance online) लेना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी हो गई है और यह कभी भी आपको विकट परिस्थिति में डाल सकती है। ऐसे में किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज या सर्जरी के लिए, आसानी से खर्चों को जुटा पाना बहुत मुश्किल हो गया है।

हेल्थ इंश्योरेंस आपको कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है, और आप बीमारियों से लड़ने के लिए वित्तीय रूप से हमेशा तैयार रहते हैं। गंभीर बीमारियों के लिए आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Insurance Policy)को ले सकते हैं। जिसमें कुल 32 बीमारियों के लिए कवरेज प्रदान की जाती है। जहां आप बिमा कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में इलाज आसानी से करा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: हीमोग्लोबिन से जुड़े किसी भी लक्षण या परेशानी के बारे में पता करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें। बीमा के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

Articles by Category

  • Need Assistance? We Will Help!

Loading...