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विश्व स्तनपान सप्ताह: स्तनपान के फायदे और नुकसान क्या हैं?

  • calendar_monthPublished on 30 Jul, 2024

    autorenewUpdated on 20 Dec, 2024

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नवजात शिशुओं के विकास के लिए स्तनपान अमृत के समान है और जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध सर्वश्रेठ आहार होता है, जो बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है। 

स्तनपान सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य बेहतर वातावरण को बढ़ावा देना है जो महिलाओं को स्तनपान कराने में मदद करता हैं, जैसे- कार्यस्थल में समर्थन, सरकारी नीतियों और कानूनों में पर्याप्थ सुरक्षा, स्तनपान के फायदे के प्रति जागरुकता बढ़ाना, इत्यादि। 

साल 1990 की इनोसेंटी घोषणा के मौके पर हर साल एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इस दौरान स्तनपान को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिए सरकारी नीति निर्माताओं, संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसियां और कई दूसरी संगठनों द्वारा इस घोषण पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अगले साल 1991 में विश्व स्तर पर वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) का गठन किया गया। इसके बाद 1992 से प्रत्येक वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। 

साल 2016 में इस मुहीम को सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ जोड़ा गया। सतत् विकास के 17 लक्ष्यों में कई लक्षयों को हासिल करने में स्तनपान सहायक हो सकता है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, भूखमरी, निर्धनता, लैंगिक समानता, इत्यादि जैसे लक्ष्य शामिल है। 

स्तनपान के लिए भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-

  • माँ (Mothers Absolute Affection- MAA) - यह भारत सरकार में स्तनपान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजना है।
  • वात्सल्य- मातृ अमृत कोष (Vatsalya- Maatri Amrit Kosh) - भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इसमें ब्लड की तरह ही नेशनल ह्यूमन मिल्क बैंक और स्तनपान परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। 

ब्रेस्ट फीडिंग क्यों जरूरी है?

ब्रेस्ट फीडिंग मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी होता है। नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है। इसमें शिशुओं के विकास और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने वाले सभी गुण पाए जाते हैं। इसीलिए 6 महिने तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध पीलाने की सलाह दी जाती है। स्तन के दूध में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो बच्चे के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाते हैं। ब्रेस्टफीडिंग एक ऐसा कार्य है जो मां और बच्चे के बीच इमोशनल जुड़ाव को बढ़ावा देता है। आइए जानते हैं, मां और बच्चे के लिए ब्रेस्टफीडिंग के क्या फायदे हैं:-

शिशुओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग के फायदे :- 

  • स्तनपान कराने से शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में पोषण मिलता है। इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व विटामिन, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, इत्यादि संतुलित मात्रा में मौजूद होते हैं।
  • मां के स्तन से मिलने वाला दूध बच्चों में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, जो भविष्य में संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • स्तनपान से बच्चों में एलर्जी, एक्जिमा, अस्थमा इत्यादि का जोखिम कम हो जाता है साथ ही श्वसन प्रणाली मजबूत होता है।
  • ब्रेस्डफिडिंग मिल्क बच्चों के लिए पचाने में आसान होता है और दस्त, डायरिया की समस्या नहीं होती है।

मां के लिए ब्रेस्टफीडिंग के फायदे:-

स्तनपान कराना मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। माताओं को स्तनपान से होने वाले फायदे निम्नलिखित हैं:-

  • ब्रेस्टफीडिंग (breastfeeding) से मां के शरीर में ऐसे हार्मोन का श्राव होता है जो मां और बच्चे के बॉन्डिंग को मजबूत बनाता है। 
  • डिलीवरी के बाद मां के वजन को नियंत्रित करने और गर्भावस्था के समय शरीर में इकट्ठा हुए कैलोरी को बर्न करने में स्तनपान मदद करता है।
  • ब्रेस्टफीडिंग कराने से स्तन कैंसर और ओवेरियन कैंसर के होने की संभावना कम हो जाती है। 

सारांश 

स्तनपान बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। यह मां और बच्चे दोनें के लिए बहुत जरूरी होता है। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों में इम्यूनिटी मजबूत होती है और बीमारियों के होने की संभावना बहुत कम होती है। विश्व में हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को स्तनपान के प्रति जागरुक करना, सरकार की नीतियों से अवगत कराना, कार्यस्थल, इत्यादि है। 

1992 से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है और भारत सरकार द्वारा स्तनपान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अभियान चलाई जा रही है, जिसमें माँ (Mothers Absolute Affection- MAA) और वात्सल्य- मातृ अमृत कोष(VMAK) है। स्तनपान से बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पोषण संबंधी आवश्यकता प्राप्त होता है, इम्यूनिटी मजबूत होती है, कई बीमारियों का जोखिम कम होता है, श्वसन प्रणाली मजबूत होती है, इत्यादी। स्तनपान से मां को ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, इत्यादि का खतरा कम होता है। 

मां और बच्चे के बीच इमोशनल बॉन्ड बढ़ता है, इत्यादि। यदि सही समय पर बच्चे को स्तनपान नहीं कराया जाए तो बच्चों में कमजोरी या कुपोषण इत्यादि का खतरा हो सकता है और इलाज में काफी पैसे खर्च हो सकते हैं। बढ़ती महंगाई को देखते हुए मां और बच्चे के सुरक्षा के लिहाजे से आप स्वास्थ्य बीमा भी खरीद सकते हैं। आप केयर हेल्थ के मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance Plan) ”जॉय” को ले सकते हैं, जहां आपको प्रसव से पूर्व और प्रसव के बाद के सभी खर्चों को कवर किया जाता हैं। साथ ही कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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  • Q. मां का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद कब होता है?

    बच्चों के लिए मां का दूध जीवन के पहले 6 महीनों के दौरान बहुत फायदेमंद और जरूरी होता है।

    Q. क्या स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं?

    फार्मूला मिल्क पीने वाले बच्चों की तुलना में स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं। ब्रेस्ट फीडिंग से बच्चों में एंटीबॉडी बनते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इससे बच्चों में संक्रमण की संभावना कम होती है।

    Q. स्तनपान क्यों महत्वपूर्ण है?

    स्तनपान शिशुओं को आदर्श पोषण प्रदान करता है। इसमें वो सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बच्चों के विकास के लिए जरूरी होता है, जैसे- विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स, इत्यादि।

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