Care Insurance
  • calendar_monthPublished on 19 Sep, 2024

    autorenewUpdated on 30 Dec, 2024

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एक ऐसा पौधा जिसने कोरोना काल में खूब सुर्खियां बटोरी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं गिलोय की, जिसने कोरोना के समय लोगों के लिए दवाई का काम किया है। प्राचीन काल से ही गिलोय को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। गिलोय औषधीय गुणों से भरपूर होती है जिसकी तना, पत्तियां और जड़ें तीनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसमें  एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपके कई शारीरिक रोगों से बचाने का काम करती है। आइए जानते हैं, गिलोय जूस के फायदे क्या है, गिलोय किन किन बीमारियों में काम आती है, गिलोय किसे नहीं खाना चाहिए, इत्यादि।

गिलोय के फायदे क्या है?

क्या आप जानते हैं, गिलोय किन किन बीमारियों में काम आती है? गिलोय कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता है, जिसकी टहनियां, पत्तें और जड़े सभी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। आइए जानते हैं, गिलोय के फायदे निम्नलिखित है:-

इम्यूनिटी को बढ़ाता है

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय जूस के फायदे बहुत हैं। गिलोय हमारे शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथ कई बीमारियों से भी बचाता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर रक्त को प्यूरिफाई करती है साथ ही खराब बैक्टीरिया से लड़ने का काम करती है। यदि आप भी अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय के रस का नियमित रूप से सेवन करें।

पाचन को ठीक करता है

यदि आप पाचन समस्याएं जैसे- गैस, अपच या कब्ज से परेशान हैं तो गिलोय आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। गिलोय का सेवन  पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के साथ कई बीमारियों को भी दूर करती है। 

खांसी में गिलोय के फायदे

गिलोय का काढ़ा पीने के फायदे अनगिनत है। गिलोय का इस्तेमाल खांसी के इलाज में भी किया जाता है। इसमें एंटी-एलर्जिक गुण पाए जाते हैं जो खांसी को ठीक करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप गिलोय का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं।

डायबिटीज में गिलोय के फायदे

डायबिटीज के रोगी के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद है। गिलोय शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करने में सहायता करता है और इंसुलिन की प्रभावशीलता को बढ़ता है। 

गठिया में गिलोय काफी कारगर है

गिलोय एक ऐसा पौधा है जो कई औषधीय गुण से भरपूर होती है। इसमें एंटीअर्थराइटिस गुण भी पाए जाते हैं जो गठिया से आराम दिलाने में मदद करते हैं। ऐसे में जो लोग ज्वाइंट पेन या गठिया से परेशान है उनके लिए बहुत कारगर है।

त्वचा के लिए गिलोय

त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए गिलोय एक गुणकारी औषधी का काम करता है। यह स्किन इंफेक्शन, एलर्जी इत्यादि को ठीक करने में मदद करता है। यह आर्टिकेरिया में स्किन रैशेज या चेहरे पर होने वाले पिम्पल्स को दूर भगाने में सहायक है।

एनीमिया में गिलोय के फायदे

एनीमिय एक ऐसा रोग है जो शरीर में खून की कमी से होता है और यह ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलता है। ऐसे में एनीमिया से जूझ रही महिलाओं के लिए गिलोय बहुत फायदेमंद होते हैं। यह शरीर में खून की कमी को दूर करने के साथ आपकी प्रतिक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है।

खून साफ (ब्लड प्यूरीफाई) करता है

गिलोय खून को साफ करने का भी काम करता है। इसके लिए गिलोय के तने के छोटे टुकड़ों में काट कर पानी में अच्छे से उबाल लें और फिर छानने के बाद सामान्य होने पर इसका सेवन करें, इससे शरीर का विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है औऱ खून साफ होता है। 

डेंगू में गिलोय कारगर होता है

किसी भी व्यक्ति को डेंगू होने पर तेज बुखार होता है और गिलोय में पाया जाने वाला एटीपायरेटिक गुण बुखार को ठीक करने में सहायक होता है। साथ ही यह इम्यूनिटी बुस्टर का भी काम करता है। 

गिलोय के नुकसान क्या है? 

क्या आप जानते हैं, गिलोय किसे नहीं खाना चाहिए? गिलोय के फायदे जानने के बाद ऐसा न सोचें कि यह सिर्फ फायदा ही करता है। किसी भी चीज का आवश्यकता से ज्यादा सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। आइए जानते हैं गिलोय के नुकसान कब और क्यों होते हैं:-

ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा

गिलोय का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत तो होती है लेकिन कई बार प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादा एक्टिव होने से ऑटोइम्यून बीमारियो का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में ऑटो इम्यून बीमारियां जैसे कि मल्टीप्ल स्केरेलोसिस या रुमेटाइड आर्थराइटिस आदि से पीड़ित रोगियों को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।

लो ब्लड प्रेशर में गिलोय के नुकसान

कुछ लोग पहले से लो ब्लड प्रेशर से ग्रसित होते हैं, वैसे लोगों को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। गिलोय का सेवन ब्लड प्रेशर कम करने का काम करती है और ऐसे में रोगी की स्थिती और बिगड़ सकती है। यदि आपकी किसी चीज की सर्जरी होने वाली है तब भी गिलोय का सेवन करने से बचे क्योंकि यह बीपी को कम करती है और मुश्किलें बढ़ सकती है। 

प्रेग्नेंसी में गिलोय

प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफिडिंग महिलाओं को भी गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं तो ऐसे में डॉक्टर से परामर्श किए बिना गिलोय का सेवन न करें।

सारांश :-

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय  की पत्तियां, जड़ें और तना तीनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। और यदि आप गिलोय का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं और कई बीमारियों से बच सकते हैं। गिलोय में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में कारगर होते हैं, जैसे- त्वचा रोग में गिलोय, खांसी दूर करने के लिए, बुखार ठीक करने के लिए, डेंगू, एनीमिया, डायबिटीज, इत्यादि। 

लेकिन क्या आपको पता है, गिलोय का रस कितने दिन तक पीना चाहिए? सामान्य तौर पर किसी भी बीमारी के लिए गिलोय के रस को ज्यादा से ज्यादा तीन महीने तक ही पीना चाहिए। यदि आप इससे ज्यादा समय तक इसको पीना चाहते हैं तो डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें।

गंभीर बीमारियों की स्थिती में पहले से तैयार रहने के लिए स्वास्थ्य बीमा भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चिकित्सा महंगाई को देखते हुए किसी भी आम नागरिक के लिए गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च निकालना बहुत मुश्किल हो सकता है और आपकी पूरी बचत राशि खत्म हो सकती है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस आपके इलाज के खर्चों को संभालता है और आपको वित्तीय रूप से मजबूत रखता है। 

यहां आपको वार्षिक स्वास्थ्य जांच, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन, इत्यादि के साथ कई और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है। आप केयर हेल्थ के क्रिटिकल इलनेश प्लान (critical insurance plan) का चुनाव कर इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। 

>> जाने: क्या है बुखार ठीक करने के घरेलू इलाज और देशी दवा

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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